यह प्रश्नोत्तर शृंखला CBSE बोर्ड परीक्षा पैटर्न पर आधारित है, जो आपको इस व्याकरण खंड के गहन विश्लेषण में मदद करेगी।
खंड 'क' - अति संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न (VSA) (1 अंक)
1. प्रश्न: वाच्य किसे कहते हैं?
उत्तर: क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि वाक्य में क्रिया का मुख्य विषय कर्ता, कर्म या भाव है, उसे वाच्य कहते हैं।
2. प्रश्न: वाच्य के कितने भेद होते हैं? नाम लिखिए।
उत्तर: वाच्य के तीन भेद होते हैं: 1. कर्तृवाच्य, 2. कर्मवाच्य, 3. भाववाच्य।
3. प्रश्न: 'पुलिस द्वारा चोर पकड़ा गया।' - वाक्य में कौन-सा वाच्य है?
उत्तर: इस वाक्य में कर्मवाच्य है।
4. प्रश्न: कर्तृवाच्य का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर: 'बच्चा रोता है।' - यह कर्तृवाच्य का उदाहरण है।
5. प्रश्न: 'मुझसे अब चला नहीं जाता।' - यह किस वाच्य का उदाहरण है?
उत्तर: यह भाववाच्य का उदाहरण है।
6. प्रश्न: कर्मवाच्य में क्रिया का लिंग और वचन किसके अनुसार होता है?
उत्तर: कर्मवाच्य में क्रिया का लिंग और वचन 'कर्म' के अनुसार होता है।
7. प्रश्न: कर्तृवाच्य को कर्मवाच्य में बदलिए: 'माँ खाना बना रही है।'
उत्तर: माँ के द्वारा खाना बनाया जा रहा है।
8. प्रश्न: भाववाच्य में क्रिया हमेशा किस वचन और पुरुष में होती है?
उत्तर: भाववाच्य में क्रिया हमेशा अन्य पुरुष, पुल्लिंग और एकवचन में होती है।
9. प्रश्न: 'पक्षी आकाश में उड़ते हैं।' - इसे भाववाच्य में बदलिए।
उत्तर: पक्षियों से आकाश में उड़ा जाता है।
10. प्रश्न: किस वाच्य में कर्ता की प्रधानता होती है?
उत्तर: कर्तृवाच्य में कर्ता की प्रधानता होती है।
खंड 'ख' - संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न (SA) (2/3 अंक)
11. प्रश्न: कर्तृवाच्य और कर्मवाच्य में मुख्य अंतर क्या है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: कर्तृवाच्य में क्रिया का संबंध सीधा कर्ता से होता है और क्रिया कर्ता के अनुसार बदलती है (जैसे- राम पत्र लिखता है)। जबकि कर्मवाच्य में क्रिया का संबंध कर्म से होता है और क्रिया कर्म के अनुसार बदलती है (जैसे- राम द्वारा पत्र लिखा जाता है)।
12. प्रश्न: भाववाच्य की पहचान कैसे की जाती है? इसकी दो प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: भाववाच्य की पहचान: इसमें क्रिया अकर्मक होती है और कर्ता के साथ 'से' या 'के द्वारा' विभक्ति लगी होती है। इसकी दो विशेषताएँ हैं: 1. क्रिया सदा एकवचन, पुल्लिंग और अन्य पुरुष में रहती है। 2. इसमें असमर्थता या भाव की प्रधानता होती है।
13. प्रश्न: निम्नलिखित वाक्यों का वाच्य पहचानकर लिखिए: (क) रोगी से उठा नहीं जाता। (ख) किसान खेत में बीज बोता है।
उत्तर: (क) रोगी से उठा नहीं जाता। - भाववाच्य। (ख) किसान खेत में बीज बोता है। - कर्तृवाच्य।
14. प्रश्न: वाच्य परिवर्तन कीजिए: (क) 'सरकार ने शिक्षा पर बहुत खर्च किया।' (कर्मवाच्य में) (ख) 'चलो, अब सोते हैं।' (भाववाच्य में)
उत्तर: (क) सरकार द्वारा शिक्षा पर बहुत खर्च किया गया। (ख) चलो, अब सोया जाए।
15. प्रश्न: कर्मवाच्य के दो प्रयोग स्थल बताइए।
उत्तर: कर्मवाच्य के दो प्रयोग स्थल हैं: 1. कानूनी या सरकारी भाषा में, जैसे- 'आदेश जारी किया गया।' 2. जब कर्ता अज्ञात हो, जैसे- 'पत्र भेज दिया गया है।'
16. प्रश्न: क्या सभी कर्तृवाच्य वाक्यों को भाववाच्य में बदला जा सकता है? कारण सहित बताइए।
उत्तर: नहीं, सभी कर्तृवाच्य वाक्यों को भाववाच्य में नहीं बदला जा सकता। भाववाच्य में केवल अकर्मक क्रिया वाले वाक्यों को ही बदला जा सकता है। सकर्मक क्रिया वाले कर्तृवाच्य वाक्य कर्मवाच्य में बदलते हैं।
17. प्रश्न: 'अध्यापक द्वारा कक्षा में पढ़ाया गया।' - इस वाक्य को कर्तृवाच्य में बदलिए।
उत्तर: 'अध्यापक ने कक्षा में पढ़ाया।' - यह इसका कर्तृवाच्य रूप है।
18. प्रश्न: कर्तृवाच्य में क्रिया सकर्मक होती है या अकर्मक? उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर: कर्तृवाच्य में क्रिया सकर्मक और अकर्मक दोनों हो सकती है। जैसे- 'मोहन हँसता है।' (अकर्मक) और 'मोहन सेब खाता है।' (सकर्मक)। दोनों ही कर्तृवाच्य हैं।
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19. प्रश्न: 'उससे चुप नहीं रहा जाता।' - इस वाक्य को कर्तृवाच्य में परिवर्तित कीजिए।
उत्तर: 'वह चुप नहीं रह सकता/रह सकती।' - यह इसका कर्तृवाच्य रूप है।
20. प्रश्न: 'ने' विभक्ति का प्रयोग किस वाच्य में होता है? इसका क्रिया पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: 'ने' विभक्ति का प्रयोग कर्तृवाच्य में होता है, जब क्रिया सकर्मक और भूतकाल में हो। इसके लगने पर क्रिया कर्म के लिंग-वचन के अनुसार होती है, जैसे- 'राम ने रोटी खाई।'
खंड 'ग' - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (LA) (4/5 अंक)
21. प्रश्न: वाच्य परिवर्तन के सामान्य नियमों का उल्लेख कीजिए। कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: वाच्य परिवर्तन के नियम हैं: 1. कर्ता, कर्म और क्रिया की पहचान करना। 2. वाच्य के अनुसार क्रिया का रूप बदलना। कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाते समय ध्यान रखना चाहिए कि: (क) कर्ता के साथ 'से' या 'के द्वारा' जोड़ा जाए। (ख) क्रिया को सामान्य भूतकाल में बदलकर उसके साथ 'जाना' क्रिया का उचित रूप जोड़ा जाए। (ग) क्रिया का लिंग-वचन कर्म के अनुसार हो।
22. प्रश्न: निम्नलिखित वाक्यों का वाच्य पहचानकर उन्हें निर्देशानुसार बदलिए: (क) घायल सैनिक उठ न सका। (भाववाच्य में) (ख) मेरे द्वारा यह पुस्तक पढ़ी गई। (कर्तृवाच्य में)
उत्तर: (क) वाक्य 'घायल सैनिक उठ न सका' कर्तृवाच्य में है। इसका भाववाच्य रूप होगा: 'घायल सैनिक से उठा न जा सका।' (ख) वाक्य 'मेरे द्वारा यह पुस्तक पढ़ी गई' कर्मवाच्य में है। इसका कर्तृवाच्य रूप होगा: 'मैंने यह पुस्तक पढ़ी।'
23. प्रश्न: कर्मवाच्य और भाववाच्य में क्या समानताएँ और असमानताएँ हैं? उदाहरण सहित विस्तार से समझाइए।
उत्तर: समानता: दोनों में कर्ता की स्थिति गौण होती है और कर्ता के साथ 'से' या 'के द्वारा' विभक्ति का प्रयोग होता है। असमानता: कर्मवाच्य में क्रिया सकर्मक होती है और कर्म के अनुसार बदलती है (जैसे- 'पतंग उड़ाई गई')। जबकि भाववाच्य में क्रिया अकर्मक होती है और हमेशा एकवचन, पुल्लिंग में रहती है (जैसे- 'अब उड़ा जाए')।
24. प्रश्न: कर्तृवाच्य से भाववाच्य में बदलने की प्रक्रिया को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: कर्तृवाच्य से भाववाच्य में बदलने की प्रक्रिया: 1. कर्ता के साथ 'से' या 'के द्वारा' जोड़ते हैं। 2. मुख्य क्रिया को सामान्य भूतकाल में बदलकर एकवचन, पुल्लिंग में रखते हैं। 3. 'जाना' क्रिया को भी एकवचन, पुल्लिंग और काल के अनुसार परिवर्तित कर जोड़ते हैं। उदाहरण: कर्तृवाच्य- 'पक्षी रात में सोते हैं।' भाववाच्य- 'पक्षियों से रात में सोया जाता है।'
25. प्रश्न: 'अशोक ने कलिंग पर विजय प्राप्त की।' और 'अशोक द्वारा कलिंग पर विजय प्राप्त की गई।'—इन दोनों वाक्यों के अर्थ में क्या सूक्ष्म अंतर है?
उत्तर: पहला वाक्य ('अशोक ने...') कर्तृवाच्य में है, इसमें कर्ता 'अशोक' को प्रमुखता दी गई है। यह बताता है कि कार्य किसने किया। दूसरा वाक्य ('अशोक द्वारा...') कर्मवाच्य में है, इसमें कार्य 'विजय प्राप्ति' को प्रमुखता दी गई है। यह बताता है कि क्या कार्य किया गया। कर्मवाच्य में कथन अधिक औपचारिक और वस्तुनिष्ठ लगता है।
26. प्रश्न: 'आओ, चलें।' और 'आओ, चला जाए।' - इन वाक्यों में वाच्य भेद स्पष्ट करते हुए बताइए कि इनके प्रयोग में क्या अंतर है?
उत्तर: 'आओ, चलें।' कर्तृवाच्य है, इसमें कर्ता ('हम' छिपा हुआ है) की प्रधानता है और यह एक सीधा प्रस्ताव है। 'आओ, चला जाए।' भाववाच्य है, इसमें क्रिया या भाव की प्रधानता है। यह भी एक प्रस्ताव है, लेकिन यह कर्तृवाच्य की तुलना में अधिक विनम्र और अनौपचारिक सुझाव का बोध कराता है।
27. प्रश्न: क्रिया का कौन-सा रूप वाच्य का निर्धारक होता है? विस्तार से समझाइए।
उत्तर: क्रिया का लिंग, वचन और पुरुष ही वाच्य का निर्धारण करता है। यदि क्रिया का लिंग-वचन कर्ता के अनुसार है, तो वह कर्तृवाच्य है। यदि क्रिया का लिंग-वचन कर्म के अनुसार है, तो वह कर्मवाच्य है। और यदि क्रिया सदैव अन्य पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन में है और कर्ता या कर्म पर निर्भर नहीं है, तो वह भाववाच्य है।
28. प्रश्न: सभी वाच्यों के दो-दो उदाहरण देते हुए उनकी पहचान के बिंदु लिखिए।
उत्तर: 1. कर्तृवाच्य: (i) बच्चा खेलता है। (ii) सीता ने गीत गाया। पहचान: कर्ता प्रधान, क्रिया कर्ता या कर्म (ने लगने पर) के अनुसार। 2. कर्मवाच्य: (i) रोगी को दवा दी गई। (ii) उससे पत्र लिखा जाएगा। पहचान: कर्म प्रधान, क्रिया कर्म के अनुसार, कर्ता के साथ 'द्वारा'। 3. भाववाच्य: (i) अब मुझसे सहा नहीं जाता। (ii) गर्मियों में खूब नहाया जाता है। पहचान: भाव प्रधान, क्रिया अकर्मक, सदा एकवचन पुल्लिंग।
29. प्रश्न: 'लोग प्रशंसा करते हैं।' - इस वाक्य को कर्मवाच्य और भाववाच्य दोनों में बदलने का प्रयास कीजिए। क्या यह संभव है? कारण बताइए।
उत्तर: यह वाक्य सकर्मक क्रिया ('प्रशंसा करना') वाला है। इसलिए इसे केवल कर्मवाच्य में बदला जा सकता है: 'लोगों द्वारा प्रशंसा की जाती है।' इसे भाववाच्य में बदलना संभव नहीं है, क्योंकि भाववाच्य के लिए क्रिया का अकर्मक होना अनिवार्य है।
30. प्रश्न: वाच्य की अवधारणा को समझना क्यों महत्वपूर्ण है? यह भाषा को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर: वाच्य को समझना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हमें वाक्य संरचना और क्रिया के प्रयोग की गहरी समझ मिलती है। यह भाषा को कई तरह से प्रभावित करता है: यह हमें एक ही बात को अलग-अलग ढंग से कहने की क्षमता देता है, कथन में औपचारिकता या अनौपचारिकता लाता है, और लेखक को यह तय करने की स्वतंत्रता देता है कि वह वाक्य में किसे (कर्ता, कर्म या भाव को) प्रमुखता देना चाहता है।