अलंकार Class 10 CBSE बोर्ड बूस्टर: 30 सर्वश्रेष्ठ प्रश्न और उत्तर (व्याकरण)

यह प्रश्नोत्तर शृंखला CBSE बोर्ड परीक्षा पैटर्न पर आधारित है, जो आपको इस व्याकरण खंड के गहन विश्लेषण में मदद करेगी।

खंड 'क' - अति संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न (VSA) (1 अंक)

1. प्रश्न: अलंकार किसे कहते हैं? उत्तर: काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्त्वों या धर्मों को अलंकार कहते हैं।
2. प्रश्न: अलंकार के मुख्य भेद कौन-कौन से हैं? उत्तर: अलंकार के मुख्य दो भेद हैं: शब्दालंकार और अर्थालंकार।
3. प्रश्न: 'तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए।' - में कौन-सा अलंकार है? उत्तर: इस पंक्ति में 'त' वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार है।
4. प्रश्न: जहाँ एक ही शब्द एक से अधिक बार आए और हर बार उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ कौन-सा अलंकार होता है? उत्तर: वहाँ यमक अलंकार होता है।
5. प्रश्न: 'पीपर पात सरिस मन डोला।' - में उपमा अलंकार का कौन-सा अंग (वाचक शब्द) है? उत्तर: इस पंक्ति में 'सरिस' वाचक शब्द है।
6. प्रश्न: 'चरण-कमल बंदौ हरि राइ।' - पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? उत्तर: इस पंक्ति में रूपक अलंकार है।
7. प्रश्न: उपमेय में उपमान की संभावना प्रकट करने पर कौन-सा अलंकार होता है? उत्तर: वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
8. प्रश्न: 'आगे नदिया पड़ी अपार, घोड़ा कैसे उतरे पार। राणा ने सोचा इस पार, तब तक चेतक था उस पार॥' - में कौन-सा अलंकार है? उत्तर: इन पंक्तियों में अतिशयोक्ति अलंकार है।
9. प्रश्न: जब जड़ पदार्थों पर मानवीय भावनाओं का आरोप किया जाता है, तो कौन-सा अलंकार होता है? उत्तर: वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है।
10. प्रश्न: श्लेष अलंकार की परिभाषा दीजिए। उत्तर: जहाँ एक ही शब्द के एक से अधिक अर्थ निकलते हों, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

खंड 'ख' - संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न (SA) (2/3 अंक)

11. प्रश्न: शब्दालंकार और अर्थालंकार में मुख्य अंतर क्या है? उत्तर: जब काव्य का सौंदर्य शब्द पर आश्रित होता है, तो शब्दालंकार होता है (जैसे- अनुप्रास)। शब्द बदल देने पर चमत्कार नष्ट हो जाता है। जब काव्य का सौंदर्य अर्थ पर आश्रित होता है, तो अर्थालंकार होता है (जैसे- उपमा)। इसमें पर्यायवाची शब्द रखने पर भी चमत्कार बना रहता है।
12. प्रश्न: यमक और श्लेष अलंकार का अंतर उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। उत्तर: यमक में एक शब्द कई बार आता है और हर बार अर्थ अलग होता है (जैसे- कनक-कनक)। श्लेष में एक ही शब्द के कई अर्थ चिपके होते हैं (जैसे- पानी गए न ऊबरे)। यमक में शब्द की आवृत्ति होती है, श्लेष में नहीं।
13. प्रश्न: उपमा अलंकार के चारों अंगों का नाम लिखिए। उत्तर: उपमा अलंकार के चार अंग हैं: 1. उपमेय (जिसकी तुलना की जाए), 2. उपमान (जिससे तुलना की जाए), 3. वाचक शब्द (तुलना प्रकट करने वाला शब्द), 4. साधारण धर्म (दोनों में समान गुण)।
14. प्रश्न: 'मुख मानो चंद्र है।' - इस पंक्ति में उत्प्रेक्षा अलंकार कैसे है? स्पष्ट कीजिए। उत्तर: इस पंक्ति में 'मुख' (उपमेय) में 'चंद्र' (उपमान) की संभावना प्रकट की गई है। 'मानो' वाचक शब्द का प्रयोग इस संभावना को व्यक्त कर रहा है, अतः यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।
15. प्रश्न: निम्नलिखित पंक्तियों में अलंकार पहचानिए: (क) 'मेघ आए बड़े बन-ठन के, सँवर के।' (ख) 'तीन बेर खाती थी, वे तीन बेर खाती हैं।' उत्तर: (क) मेघों के बन-ठन कर आने में मानवीय क्रिया का आरोप है, अतः मानवीकरण अलंकार है। (ख) 'तीन बेर' शब्द दो बार आया है, पहले का अर्थ 'तीन बार' और दूसरे का 'तीन बेर फल' है, अतः यमक अलंकार है।
16. प्रश्न: रूपक अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित दीजिए। उत्तर: जहाँ उपमेय पर उपमान का अभेद आरोप किया जाए, यानी उपमेय और उपमान को एक ही मान लिया जाए, वहाँ रूपक अलंकार होता है। उदाहरण: 'मैया मैं तो चंद्र-खिलौना लैहौं।' यहाँ चंद्रमा और खिलौने को एक मान लिया गया है।
17. प्रश्न: 'देख लो साकेत नगरी है यही, स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही।' - में निहित अलंकार को स्पष्ट कीजिए। उत्तर: इस पंक्ति में साकेत नगरी के ऊँचे भवनों को बढ़ा-चढ़ाकर स्वर्ग से मिलने जाने जैसा बताया गया है, जो लोक-सीमा का अतिक्रमण है। अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।
18. प्रश्न: अनुप्रास अलंकार के किसी एक भेद का नाम और उदाहरण लिखिए। उत्तर: अनुप्रास का एक भेद छेकानुप्रास है। उदाहरण: 'बंदउँ गुरु पद पदुम परागा।' यहाँ 'पद' शब्द दो बार आया है और अर्थ एक ही है, तथा वर्णों का स्वरूप व क्रम समान है। (नोट: पाठ्यक्रम में मुख्यतः केवल अनुप्रास की पहचान है)।
19. प्रश्न: 'फूल हँसे कलियाँ मुसकाईं।' - में कौन-सा अलंकार है और क्यों? उत्तर: इसमें मानवीकरण अलंकार है, क्योंकि हँसना और मुस्कुराना मानवीय क्रियाएँ हैं, जिनका आरोप जड़ प्रकृति (फूल और कलियों) पर किया गया है।
20. प्रश्न: उपमा और रूपक अलंकार में मुख्य अंतर क्या है? उत्तर: उपमा अलंकार में उपमेय और उपमान में समानता दिखाई जाती है और 'सा', 'सम', 'सरिस' जैसे वाचक शब्दों का प्रयोग होता है। रूपक अलंकार में उपमेय और उपमान को एकरूप मान लिया जाता है और वाचक शब्दों का लोप हो जाता है।
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खंड 'ग' - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (LA) (4/5 अंक)

21. प्रश्न: उत्प्रेक्षा अलंकार को उसके वाचक शब्दों और उदाहरणों के साथ विस्तार से समझाइए। उत्तर: जहाँ उपमेय में उपमान की संभावना या कल्पना की जाती है, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। इसके वाचक शब्द हैं - मानो, मनु, मनहु, जानो, जनु, जनहु, ज्यों आदि। उदाहरण: 'सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलोने गात। मनहु नीलमनि सैल पर, आतप परयो प्रभात॥' यहाँ श्रीकृष्ण के साँवले शरीर (उपमेय) पर पीले वस्त्र ऐसे लग रहे हैं, मानो नीलमणि पर्वत (उपमान) पर सुबह की धूप पड़ रही हो।
22. प्रश्न: निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में निहित अलंकार पहचान कर उनका नाम लिखिए और स्पष्टीकरण दीजिए: (क) 'हनुमान की पूँछ में लगन न पाई आग, लंका सिगरी जल गई गए निसाचर भाग।' (ख) 'रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुष, चून॥' उत्तर: (क) यहाँ बात को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर कहा गया है कि पूँछ में आग लगने से पहले ही सारी लंका जल गई, अतः अतिशयोक्ति अलंकार है। (ख) यहाँ 'पानी' शब्द के तीन अर्थ हैं - मोती के लिए चमक, मनुष्य के लिए सम्मान और चूने के लिए जल। एक ही शब्द के कई अर्थ होने के कारण यहाँ श्लेष अलंकार है।
23. प्रश्न: मानवीकरण अलंकार को कम से कम दो उदाहरणों द्वारा स्पष्ट कीजिए। यह अलंकार काव्य को कैसे प्रभावशाली बनाता है? उत्तर: जब जड़ प्रकृति पर मानवीय क्रियाओं या भावनाओं का आरोप किया जाता है, तो मानवीकरण अलंकार होता है। उदाहरण: 1. 'दिवसावसान का समय, मेघमय आसमान से उतर रही है, वह संध्या-सुंदरी परी-सी, धीरे-धीरे-धीरे।' यहाँ संध्या को एक सुंदरी के रूप में चित्रित किया गया है। 2. 'आए महंत बसंत।' यहाँ वसंत को एक महंत के रूप में दिखाया गया है। यह अलंकार प्रकृति को सजीव और आत्मीय बना देता है, जिससे पाठक का जुड़ाव गहरा होता है और काव्य प्रभावशाली बन जाता है।
24. प्रश्न: उपमा अलंकार के चारों अंगों को 'हरि पद कोमल कमल से' पंक्ति के आधार पर समझाइए। उत्तर: इस पंक्ति में उपमा के चारों अंग विद्यमान हैं: 1. उपमेय (जिसकी तुलना हो): हरि पद (भगवान के पैर)। 2. उपमान (जिससे तुलना हो): कमल। 3. वाचक शब्द (समानता बताने वाला): से। 4. साधारण धर्म (समान गुण): कोमल। अतः यह पूर्णोपमा का उदाहरण है।
25. प्रश्न: काव्य में अलंकार का क्या महत्व है? क्या अलंकारों के बिना काव्य रचना संभव है? उत्तर: काव्य में अलंकार का वही स्थान है जो शरीर में आभूषणों का होता है। अलंकार काव्य की सुंदरता, प्रभाव और आकर्षण को बढ़ाते हैं। वे भावों को अधिक स्पष्टता और गहराई प्रदान करते हैं। अलंकारों के बिना काव्य रचना संभव तो है, लेकिन वह प्रायः नीरस और प्रभावहीन होगी। अलंकारविहीन कविता एक आभूषण रहित स्त्री की तरह होती है, जिसमें सहज सौंदर्य तो हो सकता है, पर आकर्षण की कमी रहती है।
26. प्रश्न: रूपक और उत्प्रेक्षा अलंकार में क्या सूक्ष्म भेद है? उदाहरण से स्पष्ट करें। उत्तर: रूपक में उपमेय को उपमान का रूप ही दे दिया जाता है, दोनों में कोई भेद नहीं रहता (जैसे- 'मुख-चंद्र', यानी मुख ही चंद्रमा है)। उत्प्रेक्षा में उपमेय को उपमान मान लिया जाता है या उसकी संभावना प्रकट की जाती है (जैसे- 'मुख मानो चंद्र है', यानी मुख चंद्रमा जैसा होने की संभावना है)। रूपक में निश्चय होता है, जबकि उत्प्रेक्षा में संभावना या कल्पना।
27. प्रश्न: अतिशयोक्ति अलंकार के दैनिक जीवन से दो उदाहरण दीजिए। उत्तर: अतिशयोक्ति अलंकार का प्रयोग हम दैनिक जीवन में भी करते हैं: 1. 'मैं भूख से मरा जा रहा हूँ।' (यहाँ भूख की तीव्रता बताने के लिए बढ़ा-चढ़ाकर कहा गया है)। 2. 'उसकी आवाज सुनकर तो मेरे कान फट गए।' (यहाँ आवाज की प्रबलता को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है)।
28. प्रश्न: 'काली घटा का घमंड घटा।' - इस पंक्ति में निहित अलंकार को स्पष्ट करते हुए बताइए कि यह शब्दालंकार क्यों है? उत्तर: इस पंक्ति में 'घटा' शब्द दो बार आया है। पहली 'घटा' का अर्थ है 'बादल' और दूसरी 'घटा' का अर्थ है 'कम हुआ'। अतः यहाँ यमक अलंकार है। यह शब्दालंकार इसलिए है क्योंकि इसका सौंदर्य 'घटा' शब्द के प्रयोग पर निर्भर है। यदि हम पहली 'घटा' की जगह उसका पर्यायवाची 'बादल' रख दें ('काले बादल का घमंड घटा'), तो काव्य का चमत्कार समाप्त हो जाएगा।
29. प्रश्न: 'ले चला साथ मैं तुझे कनक, ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण।' - पंक्ति में अलंकार पहचानिए और उसके तत्वों का उल्लेख कीजिए। उत्तर: इस पंक्ति में उत्प्रेक्षा अलंकार है। यहाँ 'कनक' (धतूरा) उपमेय है और 'स्वर्ण' (सोना) उपमान है। कवि धतूरे को ऐसे साथ ले चला, मानो कोई भिक्षु सोना ले जा रहा हो। 'ज्यों' शब्द संभावना को प्रकट करने वाला वाचक शब्द है।
30. प्रश्न: क्या एक ही काव्य पंक्ति में एक से अधिक अलंकार हो सकते हैं? उदाहरण सहित समझाइए। उत्तर: हाँ, एक ही काव्य पंक्ति में एक से अधिक अलंकार हो सकते हैं। उदाहरण: 'नील गगन-सा शांत हृदय था सो रहा।' इस पंक्ति में 'गगन-सा' में उपमा अलंकार है। 'शांत हृदय' का सोना मानवीकरण अलंकार है क्योंकि सोना एक मानवीय क्रिया है। साथ ही 'स' वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास की छटा भी है।

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