पत्र-लेखन (Letter Writing)
पत्र-लेखن एक ऐसी कला है जो हमारे विचारों को प्रभावी ढंग से दूसरों तक पहुँचाती है। आइए, CBSE परीक्षा के लिए औपचारिक पत्र लिखने की विधि को विस्तार से समझें।
पत्र के प्रकार
- औपचारिक पत्र (Formal Letter): ये पत्र उन लोगों को लिखे जाते हैं जिनसे हमारा कोई निजी संबंध नहीं होता। जैसे - प्रधानाचार्य, सरकारी अधिकारी, संपादक आदि।
- अनौपचारिक पत्र (Informal Letter): ये पत्र मित्रों, सगे-संबंधियों और परिवार के सदस्यों को लिखे जाते।
CBSE कक्षा 10 के लिए विशेष निर्देश
नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार (According to Latest Syllabus)
- प्रकार (Type): आपको केवल औपचारिक पत्र लिखना होगा, जो किसी व्यावहारिक विषय पर आधारित होगा।
- शब्द-सीमा (Word Limit): पत्र लगभग 100 शब्दों में लिखना होगा।
- विकल्प (Options): परीक्षा में आपको दिए गए दो विषयों में से किसी एक विषय पर पत्र लिखना होगा।
- अंक विभाजन (Marking Scheme): यह प्रश्न कुल 5 अंकों का होता है।
- प्रारूप (Format): 1 अंक
- विषय-वस्तु (Content): 3 अंक
- भाषा-सटीकता (Language Accuracy): 1 अंक
औपचारिक पत्र का प्रारूप (Format)
- प्रेषक का पता: सबसे ऊपर, बाईं ओर पत्र लिखने वाले का पता लिखा जाता है।
- दिनांक: पते के ठीक नीचे तिथि लिखी जाती है।
- प्राप्तकर्ता का पद और पता: 'सेवा में,' लिखने के बाद जिसे पत्र लिखा जा रहा है, उसका पद (जैसे- प्रधानाचार्य, संपादक) और पता लिखा जाता है।
- विषय: पत्र किस बारे में है, उसे एक संक्षिप्त पंक्ति में स्पष्ट रूप से लिखा जाता है।
- संबोधन: 'महोदय' या 'महोदया' जैसे सम्मानजनक शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
- विषय-वस्तु: यह पत्र का मुख्य भाग है। इसे 2-3 अनुच्छेदों में बाँटना चाहिए।
- पहला अनुच्छेद: अपनी समस्या या विषय का परिचय दें।
- दूसरा अनुच्छेद: विषय का विस्तार से वर्णन करें, उसके कारण और प्रभाव बताएँ।
- तीसरा अनुच्छेद: आप क्या समाधान चाहते हैं, उसका विनम्र निवेदन करें।
- धन्यवाद ज्ञापन: 'सधन्यवाद' या 'धन्यवाद' लिखें।
- समापन: 'भवदीय' (लड़कों के लिए) / 'भवदीया' (लड़कियों के लिए) लिखें।
- प्रेषक का नाम: अंत में अपना नाम लिखें। (यदि प्रश्न में नाम दिया है, तो वही लिखें)।
क्या करें और क्या न करें
क्या करें (Dos)
- निर्धारित प्रारूप का पालन करें।
- विषय को स्पष्ट और संक्षिप्त लिखें।
- भाषा विनम्र और शिष्ट होनी चाहिए।
- शब्द-सीमा का ध्यान रखें।
क्या न करें (Don'ts)
- अनावश्यक व्यक्तिगत बातें न लिखें।
- कठिन और आलंकारिक भाषा से बचें।
- काट-छाँट न करें, स्वच्छता का ध्यान रखें।
- प्रारूप में कोई भी चरण छोड़ें नहीं।
उदाहरण (औपचारिक पत्र)
1. शिकायती पत्र (Complaint Letter)
प्रश्न: अपने क्षेत्र में जलापूर्ति की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए जल बोर्ड के अधिकारी को पत्र लिखिए।
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक: 21 अक्टूबर, 2025
सेवा में,
अध्यक्ष महोदय,
दिल्ली जल बोर्ड,
नई दिल्ली।
विषय: अनियमित जलापूर्ति की समस्या हेतु।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं वसंत कुंज क्षेत्र का निवासी हूँ। मैं आपका ध्यान हमारे क्षेत्र में हो रही अनियमित और दूषित जलापूर्ति की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। पिछले एक महीने से हमारे यहाँ पानी की आपूर्ति दिन में केवल एक घंटे के लिए होती है, वह भी बहुत कम दबाव के साथ। इसके अतिरिक्त, जो पानी आता है, वह भी गंदा और बदबूदार होता है, जिसके कारण कई लोग बीमार पड़ रहे हैं।
अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि इस मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करें और जल्द से जल्द स्वच्छ एवं नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित कराएँ।
सधन्यवाद।
भवदीय,
क.ख.ग.
2. संपादकीय पत्र (Letter to the Editor)
प्रश्न: अपने क्षेत्र में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए किसी प्रतिष्ठित समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
15, मॉडल टाउन,
पानीपत।
दिनांक: 21 अक्टूबर, 2025
सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक जागरण,
चंडीगढ़।
विषय: बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के संबंध में।
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से प्रशासन का ध्यान हमारे क्षेत्र में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। यहाँ के मुख्य मार्गों पर तेज गति से चलते वाहन और यातायात नियमों की अनदेखी आम बात हो गई है। विशेषकर, नवयुवक बिना हेलमेट के तेज रफ्तार से बाइक चलाते हैं, जिससे आए दिन कोई न कोई दुर्घटना होती रहती है।
मेरा आपसे अनुरोध है कि आप इस मुद्दे को अपने समाचार पत्र में प्रमुखता से स्थान दें, ताकि संबंधित अधिकारी जागें और इस समस्या के समाधान हेतु कठोर कदम उठाएँ।
सधन्यवाद।
भवदीय,
रमेश कुमार
और उदाहरण (औपचारिक पत्र)
3. प्रार्थना पत्र (Application)
प्रश्न: शुल्क मुक्ति हेतु अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र लिखिए।
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय,
रोहिणी, दिल्ली।
विषय: शुल्क मुक्ति हेतु प्रार्थना पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा दसवीं 'अ' का छात्र हूँ। मेरे पिताजी एक निजी कंपनी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं और उनका वेतन बहुत कम है। परिवार में पाँच सदस्य होने के कारण घर का निर्वाह बड़ी कठिनाई से हो पाता है।
मैं अपनी कक्षा में सदैव प्रथम आता रहा हूँ। अतः आपसे विनम्र प्रार्थना है कि मेरी पारिवारिक स्थिति को देखते हुए मेरा शिक्षण शुल्क माफ करने की कृपा करें। मैं आपका आजीवन आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
अमित शर्मा
कक्षा- दसवीं 'अ'
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4. पूछताछ पत्र (Inquiry Letter)
प्रश्न: योग सीखने के लिए किसी संस्थान से जानकारी प्राप्त करने हेतु पत्र लिखिए।
24, गांधी नगर,
जयपुर।
दिनांक: 21 अक्टूबर, 2025
सेवा में,
निदेशक महोदय,
आरोग्य योग संस्थान,
जयपुर।
विषय: योग प्रशिक्षण कार्यक्रम के विषय में जानकारी हेतु।
महोदय,
मैंने आपके संस्थान द्वारा दिए गए विज्ञापन को समाचार पत्र में पढ़ा है। मैं आपके संस्थान द्वारा चलाए जा रहे योग प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रवेश लेना चाहता हूँ। कृपया मुझे इस पाठ्यक्रम से संबंधित निम्नलिखित जानकारी प्रदान करें:
1. पाठ्यक्रम की अवधि।
2. कक्षा का समय।
3. कुल शुल्क।
4. क्या कोई सप्ताहांत बैच उपलब्ध है?
कृपया प्रॉस्पेक्टस भी भेजें। शीघ्र उत्तर की अपेक्षा है।
सधन्यवाद।
भवदीय,
विवेक सिंह
5. शिकायती पत्र (सार्वजनिक समस्या)
प्रश्न: आपके क्षेत्र के पार्क में अव्यवस्था और गंदगी की समस्या पर ध्यान आकर्षित करते हुए नगर निगम अधिकारी को पत्र लिखिए।
बी-112, सेक्टर-5,
द्वारका, नई दिल्ली।
दिनांक: 21 अक्टूबर, 2025
सेवा में,
स्वास्थ्य अधिकारी,
दिल्ली नगर निगम,
नई दिल्ली।
विषय: सार्वजनिक पार्क की दुर्दशा के संबंध में।
महोदय,
मैं इस पत्र के माध्यम से आपका ध्यान हमारे क्षेत्र के एकमात्र सार्वजनिक पार्क की दयनीय स्थिति की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। यह पार्क अब गंदगी और कूड़े का ढेर बन गया है। पार्क के झूले टूटे हुए हैं और चारों ओर घास तथा झाड़ियाँ उग आई हैं। असामाजिक तत्वों ने इसे अपना अड्डा बना लिया है, जिससे बच्चों और महिलाओं का यहाँ आना असुरक्षित हो गया है।
अतः आपसे अनुरोध है कि पार्क की शीघ्र सफाई करवाकर इसके रखरखाव की उचित व्यवस्था करें।
सधन्यवाद।
भवदीय,
क्षेत्र के निवासी
विद्यार्थियों के लिए गृह-कार्य (Assignment)
कार्य 1:
विद्यालय में खेल सुविधाओं को बेहतर बनाने का अनुरोध करते हुए अपने प्रधानाचार्य को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
कार्य 2:
ऑनलाइन मंगाई गई पुस्तक फटी हुई निकलने पर पुस्तक विक्रेता को शिकायत करते हुए उस पुस्तक को बदलने का अनुरोध करते हुए पत्र लिखिए।
अनौपचारिक पत्र (अभ्यास हेतु)
अनौपचारिक पत्र का प्रारूप
- प्रेषक का पता: सबसे ऊपर, बाईं ओर।
- दिनांक: पते के नीचे।
- संबोधन: जैसे- प्रिय मित्र, आदरणीय पिताजी।
- अभिवादन: जैसे- नमस्ते, सादर प्रणाम।
- विषय-वस्तु: मुख्य संदेश (2-3 अनुच्छेदों में)।
- समापन: जैसे- तुम्हारा मित्र, आपका प्रिय पुत्र।
- प्रेषक का नाम: अंत में अपना नाम।
उदाहरण (अनौपचारिक पत्र)
1. पिताजी को पत्र
प्रश्न: अपनी शैक्षणिक प्रगति के बारे में बताते हुए पिताजी को पत्र लिखिए।
आदर्श छात्रावास,
शिमला।
दिनांक: 21 अक्टूबर, 2025
आदरणीय पिताजी,
सादर प्रणाम।
मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ और आशा करता हूँ कि आप सब भी स्वस्थ होंगे। मुझे कल ही अपनी अर्द्धवार्षिक परीक्षा का परिणाम मिला है। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि मैंने अपनी कक्षा में 95% अंकों के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मुझे गणित और विज्ञान में सर्वाधिक अंक मिले हैं।
यह सब आपके आशीर्वाद और मेरे शिक्षकों के मार्गदर्शन से ही संभव हो पाया है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं वार्षिक परीक्षा में और भी अधिक परिश्रम करूँगा। माताजी को मेरा प्रणाम कहिएगा।
आपका प्रिय पुत्र,
रोहन
2. मित्र को बधाई पत्र
प्रश्न: वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम आने पर अपने मित्र को बधाई देते हुए पत्र लिखिए।
5, मैत्री अपार्टमेंट्स,
पुणे।
दिनांक: 21 अक्टूबर, 2025
प्रिय मित्र सोहन,
नमस्ते।
आज ही समाचार पत्र में तुम्हारा चित्र देखा और यह पढ़कर मन खुशी से भर गया कि तुमने अंतर-विद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीता है। मेरी ओर से इस शानदार सफलता के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करो।
तुम्हारी मेहनत और लगन रंग लाई। मुझे हमेशा से विश्वास था कि तुम्हारी तर्क-शक्ति और बोलने की कला तुम्हें एक दिन अवश्य सम्मान दिलाएगी। मैं तुमसे मिलने जल्द ही आऊँगा। अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना।
तुम्हारा अभिन्न मित्र,
मोहन
