अनुच्छेद-लेखन (Paragraph Writing)
सीखिए एक प्रभावशाली अनुच्छेद लिखने की कला, जो आपकी परीक्षा में अच्छे अंक लाने में मदद करेगी।
अनुच्छेद क्या होता है?
CBSE कक्षा 10 के लिए विशेष निर्देश
नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार (According to Latest Syllabus)
- विषय (Topics): अनुच्छेद के विषय समसामयिक एवं व्यावहारिक जीवन से जुड़े होंगे। (Topics will be related to contemporary and practical life).
- शब्द-सीमा (Word Limit): आपको लगभग 120 शब्दों में अनुच्छेद लिखना होगा।
- विकल्प (Options): परीक्षा में आपको दिए गए विभिन्न विषयों में से किसी एक विषय पर अनुच्छेद लिखना होगा।
- संकेत-बिंदु (Hint Points): विषय के साथ अक्सर संकेत-बिंदु दिए जाते हैं। आपको इन्हीं बिंदुओं के आधार पर अपने अनुच्छेद का विस्तार करना होता है।
- अंक विभाजन (Marking Scheme): यह प्रश्न कुल 6 अंकों का होता है। अंक आमतौर पर इस प्रकार विभाजित होते हैं:
- भूमिका (Introduction): 1 अंक
- विषय-वस्तु (Content): 3 अंक
- भाषा एवं प्रस्तुति (Language & Presentation): 2 अंक
एक अच्छे अनुच्छेद की विशेषताएँ
- एक ही भाव या विचार: अनुच्छेद में केवल एक ही मुख्य विचार या भाव की प्रधानता होनी चाहिए।
- विषय-केंद्रित: अनावश्यक बातों से बचकर केवल विषय पर ही केंद्रित रहना चाहिए।
- तारतम्यता और क्रमबद्धता: सभी वाक्य एक-दूसरे से जुड़े हुए और एक तार्किक क्रम में होने चाहिए।
- भाषा की सरलता: भाषा सरल, स्पष्ट और प्रभावशाली होनी चाहिए ताकि पाठक को आसानी से समझ आ सके।
- शब्द-सीमा का ध्यान: दिए गए शब्द-सीमा (आमतौर पर 120 शब्द) का पालन करना आवश्यक है।
अनुच्छेद कैसे लिखें? (Step-by-Step Guide)
- विषय को समझें: सबसे पहले दिए गए विषय और संकेत-बिंदुओं को अच्छी तरह समझें।
- रूपरेखा बनाएँ: संकेत-बिंदुओं के आधार पर मन में एक संक्षिप्त रूपरेखा बना लें।
- भूमिका लिखें: पहली एक या दो पंक्तियों में विषय का परिचय दें। यह आकर्षक होनी चाहिए।
- विषय-वस्तु का विस्तार करें: अगले 6-8 वाक्यों में दिए गए संकेत-बिंदुओं को समझाते हुए विषय का विस्तार करें।
- निष्कर्ष लिखें: अंतिम एक या दो पंक्तियों में अपने विचारों का सार या निष्कर्ष प्रस्तुत करें।
- प्रूफरीड करें: लिखने के बाद अपने अनुच्छेद को दोबारा पढ़ें ताकि वर्तनी या व्याकरण की कोई अशुद्धि न रह जाए।
क्या करें और क्या न करें
क्या करें (Dos)
- संकेत-बिंदुओं का प्रयोग करें।
- सरल और स्पष्ट भाषा का प्रयोग करें।
- वाक्यों में क्रमबद्धता बनाए रखें।
- एक आकर्षक भूमिका से शुरू करें।
क्या न करें (Don'ts)
- विचारों की पुनरावृत्ति से बचें।
- अनावश्यक विस्तार न करें।
- कठिन और क्लिष्ट शब्दों का प्रयोग न करें।
- विषय से न भटकें।
उदाहरण
1. समय का सदुपयोग
समय इस संसार की सबसे मूल्यवान वस्तु है। बीता हुआ धन पुनः कमाया जा सकता है, किन्तु बीता हुआ समय कभी लौटकर नहीं आता। इसीलिए समय का सदुपयोग सफलता की कुंजी माना गया है। जो विद्यार्थी समय पर अपना कार्य करते हैं, वे परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करते हैं। समय पर किया गया काम हमेशा उत्तम परिणाम देता है। आलस्य में समय गँवाने वाला व्यक्ति जीवन में कभी सफल नहीं हो पाता। हमें प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करना चाहिए, क्योंकि समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। जो समय के साथ चलता है, वही जीवन में ऊँचाइयों को छूता है।
2. इंटरनेट: वरदान या अभिशाप
आज का युग इंटरनेट का युग है। इंटरनेट ने मानव जीवन को बहुत सरल बना दिया है। ज्ञान और सूचना का यह असीमित भंडार है, जहाँ हम किसी भी विषय पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ऑनलाइन शिक्षा, बैंकिंग और मनोरंजन जैसी सुविधाओं ने हमारे जीवन को गति दी है। यह एक वरदान है, लेकिन इसका दुरुपयोग इसे अभिशाप भी बना देता है। साइबर-अपराध, सोशल मीडिया की लत और ऑनलाइन गेमिंग में समय की बर्बादी इसके नकारात्मक प्रभाव हैं। हमें इंटरनेट का प्रयोग विवेकपूर्ण तरीके से करना चाहिए, तभी यह हमारे लिए वास्तव में एक वरदान सिद्ध होगा।
3. पर्यावरण प्रदूषण
पर्यावरण प्रदूषण आज विश्व की एक गंभीर समस्या बन चुका है। मानवीय गतिविधियों, जैसे- उद्योगों से निकलता धुआँ, गाड़ियों का शोर और नदियों में बहाया जाता कचरा, हमारे पर्यावरण को दूषित कर रहा है। इसके कारण वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण फैलता है, जिससे अनेक भयानक बीमारियाँ जन्म लेती हैं। प्रदूषण से जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएँ भी उत्पन्न हो रही हैं। यदि हमने समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया तो पृथ्वी पर जीवन संकट में पड़ जाएगा। हमारा कर्तव्य है कि हम अधिक से अधिक पेड़ लगाएँ, प्रदूषण कम करें और अपने पर्यावरण को स्वच्छ बनाएँ।
4. डिजिटल इंडिया
डिजिटल इंडिया भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है। इस कार्यक्रम के तहत सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे भ्रष्टाचार में कमी आई है और पारदर्शिता बढ़ी है। गाँव-गाँव तक इंटरनेट पहुँचाने और नागरिकों को डिजिटल साक्षर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। ऑनलाइन पेमेंट, डिजिटल लॉकर और ई-हॉस्पिटल जैसी सुविधाओं ने आम आदमी के जीवन को सरल बना दिया है। डिजिटल इंडिया वास्तव में नए भारत की नींव रख रहा है, जो देश को प्रगति के पथ पर तेजी से आगे ले जाएगा।
5. ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान
कोरोना महामारी के बाद ऑनलाइन शिक्षा का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। इसके कई फायदे हैं, जैसे छात्र घर बैठे अपनी सुविधानुसार पढ़ सकते हैं और दुनिया के किसी भी कोने से सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों से ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। हालाँकि, इसके कुछ नुकसान भी हैं। लगातार स्क्रीन देखने से आँखों और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की धीमी गति और स्मार्टफोन की अनुपलब्धता भी एक बड़ी बाधा है। साथ ही, कक्षा जैसा अनुशासन और सहपाठियों के साथ संवाद की कमी भी महसूस होती है। अतः ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा का संतुलित मिश्रण ही छात्रों के लिए सर्वोत्तम है।
6. सोशल मीडिया का प्रभाव
आज के युवा जीवन पर सोशल मीडिया का गहरा प्रभाव है। यह दोस्तों और परिवार से जुड़े रहने, नए विचार साझा करने और जानकारी प्राप्त करने का एक शक्तिशाली मंच है। यह रचनात्मकता दिखाने और सामाजिक अभियानों से जुड़ने का अवसर भी देता है। लेकिन इसके नकारात्मक पहलू भी हैं। सोशल मीडिया की लत पढ़ाई और स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है। साइबर-बुलिंग और झूठी खबरों का प्रसार भी एक गंभीर समस्या है। हमें इसका उपयोग समझदारी से करना चाहिए, ताकि यह हमारे लिए एक सहायक बने, न कि मालिक। इसका संतुलित उपयोग ही बुद्धिमानी है।
7. स्वस्थ जीवनशैली का महत्व
एक स्वस्थ जीवनशैली सुखी जीवन का आधार है। इसका अर्थ केवल शारीरिक रूप से रोगमुक्त होना नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी स्वस्थ रहना है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद एक स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक हैं। वहीं, सकारात्मक सोच, योग और ध्यान हमें मानसिक शांति प्रदान करते हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जंक फूड और तनाव ने हमारे स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया है। एक अनुशासित और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर ही हम एक ऊर्जावान, उत्पादक और आनंदमय जीवन जी सकते हैं। स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है।
8. आत्मनिर्भर भारत
'आत्मनिर्भर भारत' का सपना एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो अपनी जरूरतों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर न रहे। इसका उद्देश्य देश में ही वस्तुओं का उत्पादन करना और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है। 'मेक इन इंडिया' जैसी योजनाओं से देश में उद्योग और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। जब हम स्थानीय उत्पाद खरीदते हैं, तो देश का पैसा देश में ही रहता है, जिससे अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। आत्मनिर्भरता का अर्थ दुनिया से अलग होना नहीं, बल्कि एक मजबूत और सक्षम भारत बनकर विश्व का कल्याण करना है। यह हर नागरिक के सहयोग से ही संभव होगा।
9. जलवायु परिवर्तन: एक वैश्विक चुनौती
जलवायु परिवर्तन आज पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है। उद्योगों और वाहनों से निकलने वाली गैसों के कारण पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है, जिसे ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं। इसके कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं, समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है और मौसम में अप्रत्याशित बदलाव आ रहे हैं। कहीं बाढ़ तो कहीं सूखा पड़ रहा है, जिससे कृषि और जनजीवन प्रभावित हो रहा है। यह एक वैश्विक चुनौती है और इससे निपटने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। पेड़ लगाना, प्रदूषण कम करना और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
10. भारत की G20 अध्यक्षता
वर्ष 2023 में भारत को G20 समूह की अध्यक्षता का अवसर मिलना एक ऐतिहासिक क्षण था। यह विश्व पटल पर भारत के बढ़ते कद और नेतृत्व क्षमता का प्रतीक है। 'वसुधैव कुटुम्बकम्' - यानी 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के ध्येय वाक्य के साथ भारत ने विश्व के सामने अपनी सांस्कृतिक और दार्शनिक विरासत को प्रस्तुत किया। इस अध्यक्षता के माध्यम से भारत ने विकासशील देशों की आवाज बनकर जलवायु परिवर्तन, आर्थिक स्थिरता और डिजिटल परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर वैश्विक सहमति बनाने का सफल प्रयास किया। यह भारत के लिए एक गौरव का क्षण था।
11. चंद्रयान-3 की सफलता
चंद्रयान-3 की सफलता भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। 23 अगस्त, 2023 को, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इस मिशन ने न केवल भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिभा और अथक परिश्रम को साबित किया, बल्कि अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत को एक अग्रणी शक्ति के रूप में स्थापित किया। 'विक्रम' लैंडर और 'प्रज्ञान' रोवर ने वहाँ बहुमूल्य वैज्ञानिक डेटा एकत्र किया, जो चंद्रमा के रहस्यों को समझने में मदद करेगा। यह सफलता हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है और यह हमारी युवा पीढ़ी को विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।
12. योग का महत्व
योग भारत की एक प्राचीन धरोहर है, जो आज पूरे विश्व में लोकप्रिय हो चुकी है। यह केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने की एक संपूर्ण जीवन पद्धति है। नियमित योगाभ्यास से हमारा शरीर लचीला और रोगमुक्त बनता है तथा तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है। यह हमें अनुशासन और आत्म-नियंत्रण सिखाता है, जिससे हमारी एकाग्रता बढ़ती है। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाना इस बात का प्रमाण है कि विश्व ने योग के महत्व को स्वीकार किया है। हमें अपनी इस अनमोल विरासत को अपनाकर एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जीना चाहिए।
13. मेरा प्रिय त्योहार: दीपावली
दीपावली भारत का सबसे प्रसिद्ध और प्रिय त्योहार है। इसे 'रोशनी का त्योहार' भी कहा जाता है। यह त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान राम चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे और उनके स्वागत में नगरवासियों ने घी के दीये जलाए थे। इस दिन लोग अपने घरों को दीयों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और मिठाईयाँ बाँटते हैं। रात में धन की देवी लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और हमारे जीवन में नई आशा और उल्लास लेकर आता है।
विद्यार्थियों के लिए गृह-कार्य (Assignment)
निम्नलिखित विषयों पर लगभग 120 शब्दों में अनुच्छेद लिखने का अभ्यास करें:
- मेरा प्रिय खेल
- यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता
- एक अविस्मरणीय यात्रा
- मोबाइल फोन के लाभ और हानि