एक कहानी यह भी (मन्नू भंडारी) CBSE बोर्ड बूस्टर: 30 सर्वश्रेष्ठ पिछले वर्ष के प्रश्न और उत्तर

यह प्रश्नोत्तर शृंखला CBSE बोर्ड परीक्षा पैटर्न पर आधारित है, जो आपको इस पाठ के गहन विश्लेषण में मदद करेगी।

खंड 'क' - अति संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न (VSA) (1 अंक)

1. प्रश्न: मन्नू भंडारी का जन्म कहाँ हुआ था? उत्तर: मन्नू भंडारी का जन्म मध्य प्रदेश के भानपुरा गाँव में हुआ था।
2. प्रश्न: लेखिका के पिता अजमेर आने से पहले कहाँ रहते थे? उत्तर: लेखिका के पिता अजमेर आने से पहले इंदौर में रहते थे।
3. प्रश्न: लेखिका के पिता का सबसे बड़ा दुर्गुण क्या था? उत्तर: उनके पिता का सबसे बड़ा दुर्गुण उनका शक करने वाला स्वभाव था।
4. प्रश्न: लेखिका की माँ कैसी महिला थीं? उत्तर: लेखिका की माँ धैर्यवान, सहनशील और धरती से ज़्यादा सहनशक्ति वाली महिला थीं।
5. प्रश्न: लेखिका के पिता ने रसोई को क्या नाम दिया था? उत्तर: लेखिका के पिता ने रसोई को 'भटियारखाना' नाम दिया था।
6. प्रश्न: लेखिका को किस अध्यापिका ने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय होने के लिए प्रेरित किया? उत्तर: उनकी हिंदी अध्यापिका शीला अग्रवाल ने उन्हें प्रेरित किया।
7. प्रश्न: पिता के किस व्यवहार से लेखिका में हीन-भावना आ गई थी? उत्तर: पिता के द्वारा लेखिका की बड़ी बहन से तुलना करने और उनकी उपलब्धियों की तारीफ न करने से।
8. प्रश्न: लेखिका के व्यक्तित्व पर उनके पिता के किन गुणों का प्रभाव पड़ा? उत्तर: पिता के विद्रोही स्वभाव और ईमानदारी के गुणों का प्रभाव पड़ा।
9. प्रश्न: स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अजमेर में किसका बोलबाला था? उत्तर: स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अजमेर में काँग्रेस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) का बोलबाला था।
10. प्रश्न: लेखिका की किस विशेषता के कारण उनके पिता चिंतित रहते थे? उत्तर: लेखिका की आक्रोश भरी वाक्पटुता (बोलने की निपुणता) और नेतृत्व क्षमता के कारण।

खंड 'ख' - संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न (SA) (2/3 अंक)

11. प्रश्न: लेखिका के व्यक्तित्व निर्माण में उनके पिता की क्या भूमिका थी? (CBSE PYQ) उत्तर: लेखिका के व्यक्तित्व निर्माण में उनके पिता की दोहरी भूमिका थी। एक ओर उन्होंने लेखिका को देश-दुनिया की समस्याओं के प्रति जागरूक किया और विरोध करने की प्रेरणा दी, वहीं दूसरी ओर उनके शक करने वाले स्वभाव ने लेखिका में अविश्वास और विद्रोही स्वभाव विकसित किया।
12. प्रश्न: लेखिका के पिता ने रसोई को 'भटियारखाना' कहकर क्यों संबोधित किया है? (CBSE PYQ) उत्तर: 'भटियारखाना' उस जगह को कहते हैं जहाँ केवल भट्टियाँ जलती हैं। पिता का मानना था कि रसोई में काम करने से स्त्रियों की प्रतिभा और समय दोनों नष्ट हो जाते हैं। वे नहीं चाहते थे कि लेखिका अपनी बौद्धिक ऊर्जा रसोई के कामों में नष्ट करे। यह कथन उनके आधुनिक विचारों को दर्शाता है।
13. प्रश्न: मन्नू भंडारी के पिता में कौन-कौन से गुण और अवगुण थे? उत्तर: गुण: वे बहुत ईमानदार, परिश्रमी और सामाजिक रूप से जागरूक थे। वे अच्छी-बुरी बातों पर अपनी राय रखते थे। अवगुण: उनमें अहंकार की भावना थी और वे शक करने वाले (शक्की मिजाज) व्यक्ति थे।
14. प्रश्न: शीला अग्रवाल ने लेखिका के व्यक्तित्व पर क्या प्रभाव डाला? (CBSE PYQ) उत्तर: शीला अग्रवाल ने लेखिका के भीतर दबी हुई नेतृत्व क्षमता को बाहर निकाला। उन्होंने लेखिका को किताबों से आगे बढ़कर सीधे जीवन से जुड़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने लेखिका को स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया, जिससे लेखिका का विद्रोही और साहसी व्यक्तित्व विकसित हुआ।
15. प्रश्न: पिता के किन कार्यों ने लेखिका में हीन-भावना भर दी? उत्तर: पिता के दो कार्यों ने लेखिका में हीन-भावना भर दी: 1. रंग-भेद: उनके पिता लेखिका की बड़ी बहन को गोरा होने के कारण ज़्यादा पसंद करते थे, जबकि लेखिका सांवली थीं। 2. तुलना: पिता हमेशा लेखिका की तुलना उनकी बड़ी बहन से करते थे और उनकी उपलब्धियों की उपेक्षा करते थे।
16. प्रश्न: लेखिका की माँ की सहनशक्ति का वर्णन कीजिए। उत्तर: लेखिका की माँ में असीम सहनशक्ति थी। वे पिता के अहंकार, शक और क्रोध को बिना शिकायत के सहन करती थीं। वे किसी भी बात पर अपनी राय नहीं रखती थीं और घर में शांत माहौल बनाए रखने के लिए पिता के हर आदेश का पालन करती थीं।
17. प्रश्न: लेखिका ने अपने पिता के किस व्यवहार से विरासत में 'विद्रोही स्वभाव' पाया? उत्तर: लेखिका ने अपने पिता के उस व्यवहार से विद्रोही स्वभाव पाया, जहाँ पिता एक तरफ उन्हें देशभक्ति के लिए प्रेरित करते थे, वहीं दूसरी तरफ उनकी स्वतंत्रता को नियंत्रित करना चाहते थे। पिता के इस विरोधाभास ने लेखिका को उनके ही घर में विद्रोह करने पर मजबूर कर दिया।
18. प्रश्न: लेखिका और उनके पिता के बीच विचारों का टकराव क्यों होता था? उत्तर: विचारों का टकराव पिता के रूढ़िवादी और प्रगतिशील विचारों के विरोधाभास के कारण होता था। पिता लेखिका को समाज में सक्रिय देखना चाहते थे, पर घर की चारदीवारी के भीतर। जबकि लेखिका अपनी स्वतंत्रता और सामाजिक भागीदारी पर कोई बंधन स्वीकार नहीं कर सकती थीं।
19. प्रश्न: कॉलेज से प्रिंसिपल का बुलावा आने पर पिता क्यों आग-बबूला हो गए? उत्तर: प्रिंसिपल ने लेखिका की आंदोलनकारी गतिविधियों (भाषण देना, हड़ताल कराना) के कारण उन्हें कॉलेज से निकालने की धमकी दी थी। यह सुनकर पिता को लगा कि उनकी प्रतिष्ठा को चोट पहुँची है और उन्हें अपनी बेटी की क्रांतिकारी गतिविधियाँ अशोभनीय लगीं।
20. प्रश्न: लेखिका ने अपनी 'एक कहानी यह भी' में अपने परिवार और आस-पास के माहौल को कैसे चित्रित किया है? उत्तर: लेखिका ने अपने परिवार को विभिन्न भावनाओं से भरा, अंतर्विरोधों से ग्रस्त और तनावपूर्ण माहौल के रूप में चित्रित किया है। वहीं, आस-पास के माहौल को देशप्रेम और स्वतंत्रता आंदोलन की भावना से भरा हुआ चित्रित किया है।

खंड 'ग' - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (LA) (4/5 अंक)

21. प्रश्न: 'एक कहानी यह भी' पाठ के आधार पर मन्नू भंडारी के व्यक्तित्व की किन्हीं चार विशेषताओं का उदाहरण सहित उल्लेख कीजिए। (CBSE PYQ) उत्तर: मन्नू भंडारी के व्यक्तित्व की चार विशेषताएँ: 1. दृढ़ विद्रोही: वे पिता के थोपे गए बंधनों और रूढ़ियों का विरोध करती थीं। (उदाहरण: पिता के मना करने पर भी आंदोलन में भाग लेना)। 2. साहसी और जुझारू: कॉलेज में हड़ताल का नेतृत्व करना और भाषण देना उनकी साहसी नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है। 3. आत्म-सम्मानशील: पिता द्वारा अपने कार्यों के लिए तारीफ न मिलने पर भी वे आत्म-सम्मान के साथ खड़ी रहीं। 4. सामाजिक रूप से जागरूक: स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी उनकी सामाजिक चेतना और राजनीतिक जागरूकता को दर्शाती है।
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22. प्रश्न: लेखिका को अपने पिता के साथ किन बातों को लेकर द्वंद्व (टकराव) था? इस द्वंद्व ने लेखिका के जीवन को किस प्रकार प्रभावित किया? (CBSE PYQ) उत्तर: लेखिका और उनके पिता के बीच मुख्य द्वंद्व (टकराव) निम्नलिखित बातों को लेकर था: 1. बंधन और स्वतंत्रता: पिता लेखिका को सामाजिक रूप से सक्रिय देखना चाहते थे, लेकिन घर की चारदीवारी तक सीमित रखना चाहते थे, जबकि लेखिका पूर्ण स्वतंत्रता चाहती थीं। 2. शक की प्रवृत्ति: पिता हर काम में शक करते थे, जिससे लेखिका आहत होती थीं। इस द्वंद्व का प्रभाव: इस टकराव ने लेखिका के व्यक्तित्व को दो तरह से प्रभावित किया—उन्हें पिता से विद्रोही स्वभाव और आत्मविश्वास विरासत में मिला, लेकिन साथ ही शक और अविश्वास की भावना भी मिली।
23. प्रश्न: उस समय के स्वतंत्रता आंदोलन में लेखिका की सक्रिय भागीदारी पर प्रकाश डालिए। (CBSE PYQ) उत्तर: लेखिका ने 1946-47 के स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाई: 1. नेतृत्व: वे कॉलेज में अपनी अध्यापिका शीला अग्रवाल के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों का नेतृत्व करती थीं। 2. संगठन: उन्होंने अपने साथियों को संगठित करके जगह-जगह भाषण दिए और हड़तालें करवाईं। 3. विरोध: लेखिका ने घर और कॉलेज दोनों के प्रतिबंधों का विरोध करते हुए शहर के चौराहों पर आंदोलन में भाग लिया, जो उनकी राजनीतिक चेतना और जुझारूपन को दर्शाता है।
24. प्रश्न: लेखिका ने अपनी माँ के बारे में जो कुछ बताया है, उससे उनकी माँ का जो व्यक्तित्व उभरता है, उसकी विशेषताएँ लिखिए। उत्तर: लेखिका की माँ का व्यक्तित्व: 1. असीम सहनशीलता: वे पति के अहंकार, क्रोध और शक को शांत भाव से सहन करती थीं। 2. धैर्य: वे अपने बच्चों और परिवार के प्रति अगाध धैर्य रखती थीं। 3. निस्वार्थ प्रेम: वे अपनी इच्छाओं को त्यागकर बच्चों और पति की हर इच्छा को पूरा करती थीं। 4. पवित्रता: लेखिका के लिए उनकी माँ धरती से ज़्यादा सहनशक्ति वाली और त्यागमयी थीं।
25. प्रश्न: लेखिका के पिता ने उनके पिताजी को 'कौशल और स्वाभिमान' से हीन क्यों बताया? इस कथन का लेखिका के पिता पर क्या प्रभाव पड़ा? उत्तर: लेखिका के पिता अपने पिताजी को इसलिए हीन बताते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि उनके पिताजी ने अपनी ईमानदारी के कारण धन कमाने के 'कौशल' का प्रदर्शन नहीं किया और जीवन में संघर्ष किया। इस कथन का लेखिका के पिता पर यह प्रभाव पड़ा कि उन्होंने अपने जीवन में ईमानदारी को महत्त्व दिया, लेकिन साथ ही वे अहंकार और शक की भावना से भी ग्रस्त हो गए, ताकि वे अपने पूर्वजों जैसा जीवन न जीएँ।
26. प्रश्न: 'एक कहानी यह भी' शीर्षक की सार्थकता (महत्व) स्पष्ट कीजिए। उत्तर: यह शीर्षक पूरी तरह सार्थक है। लेखिका ने अपनी कथा को 'कहानी' न कहकर 'एक कहानी यह भी' कहा है, जिसका आशय है कि यह कथा केवल उनका व्यक्तिगत जीवन वृतांत नहीं है, बल्कि उस समय के सामाजिक, राजनीतिक और पारिवारिक परिवेश की भी कहानी है। यह कथा पिता-पुत्री के द्वंद्व, स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी और एक महिला के आत्म-विकास की भी कहानी है।
27. प्रश्न: पिता को लेखिका की 'आक्रोश भरी वाक्पटुता' किस प्रकार प्रभावित करती थी? उत्तर: पिता को लेखिका की वाक्पटुता दो तरह से प्रभावित करती थी: 1. खुशी: वे चाहते थे कि लेखिका अपने भाषणों से लोगों को प्रभावित करे, जिससे उनका अहंकार संतुष्ट होता था कि उनकी बेटी उनसे भी आगे निकल रही है। 2. गुस्सा: जब लेखिका की वाक्पटुता उनकी सत्ता (नियंत्रण) को चुनौती देती थी या उन्हें सामाजिक रूप से शर्मिंदा करती थी (जैसे कॉलेज का बुलावा), तो वे आग-बबूला हो जाते थे।
28. प्रश्न: लेखिका के व्यक्तित्व पर उनकी माँ का प्रभाव किस प्रकार पड़ा? उत्तर: लेखिका के व्यक्तित्व पर माँ का प्रभाव सीधा नहीं, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से पड़ा। माँ की सहनशीलता और त्याग को देखकर लेखिका के मन में माँ के प्रति गहरा आदर पैदा हुआ। लेकिन साथ ही, लेखिका ने माँ के सहनशील स्वभाव को कभी नहीं अपनाया, बल्कि इसके विपरीत, उन्होंने विद्रोही स्वभाव विकसित किया, ताकि वे माँ की तरह जीवन न जीएँ।
29. प्रश्न: शीला अग्रवाल का व्यक्तित्व छात्रों के लिए क्यों प्रेरणादायक था? उत्तर: शीला अग्रवाल का व्यक्तित्व इसलिए प्रेरणादायक था: 1. सक्रिय भागीदारी: वे केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं थीं, बल्कि छात्रों को देश के सक्रिय आंदोलनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करती थीं। 2. आत्मीयता: वे छात्रों के साथ आत्मीय संबंध रखती थीं और उन्हें सही दिशा देती थीं। 3. प्रेरणा: उन्होंने अपने छात्रों में विद्रोही भावना को दबाने के बजाय उसे सकारात्मक दिशा दी।
30. प्रश्न: लेखिका के मोहल्ले की तीन विशेषताएँ बताइए। उत्तर: लेखिका के मोहल्ले की तीन विशेषताएँ: 1. पुराने रीति-रिवाज: वहाँ पुरानी मान्यताओं और रूढ़ियों का प्रभाव था। 2. साहित्यिक गोष्ठियाँ: पिता के घर में साहित्यिक गोष्ठियाँ होती थीं, जिससे लेखिका का बौद्धिक विकास हुआ। 3. सामाजिक जागरूकता: मोहल्ले की युवा पीढ़ी में स्वतंत्रता आंदोलन और देशप्रेम की गहरी भावना थी, जिसने लेखिका को प्रेरित किया।

यह अध्याय 10 का संशोधित पोस्ट है।

चूँकि हमने **'क्षितिज भाग-2'** के सभी गद्य और काव्य खंड पूरे कर लिए हैं, हम अब **'कृतिका भाग-2'** की ओर बढ़ेंगे। अगला पोस्ट **'माता का अँचल'** पर केंद्रित होगा। क्या आप अगले चरण के लिए तैयार हैं?

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