यह प्रश्नोत्तर शृंखला CBSE बोर्ड परीक्षा पैटर्न पर आधारित है, जो आपको इस पाठ के गहन विश्लेषण में मदद करेगी।
खंड 'क' - अति संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न (VSA) (1 अंक)
1. प्रश्न: 'साना-साना हाथ जोड़ि' पाठ की विधा क्या है?
उत्तर: यह पाठ एक यात्रा-वृत्तांत है।
2. प्रश्न: लेखिका ने किस शहर को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' कहा है?
उत्तर: लेखिका ने गंतोक (सिक्किम की राजधानी) शहर को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' कहा है।
3. प्रश्न: 'साना-साना हाथ जोड़ि' का नेपाली भाषा में क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका अर्थ है 'छोटे-छोटे हाथ जोड़कर'।
4. प्रश्न: गाइड का नाम क्या था, जो लेखिका के साथ था?
उत्तर: गाइड का नाम जितेन नार्गे था।
5. प्रश्न: धर्म चक्र घुमाने पर क्या होता है, ऐसा लोगों का मानना था?
उत्तर: लोगों का मानना था कि धर्म चक्र घुमाने से सारे पाप धुल जाते हैं।
6. प्रश्न: सिक्किम में कितनी श्वेत पताकाएँ (सफेद झंडियाँ) फहराई जाती थीं, जब किसी बुद्धिस्ट की मृत्यु होती थी?
उत्तर: 108 श्वेत पताकाएँ फहराई जाती थीं।
7. प्रश्न: लेखिका को मार्ग में क्या देखकर ऐसा लगा कि वे किसी ऋषि के आश्रम में हैं?
उत्तर: रास्ते में बिखरे हुए फूलों के बागान और शांत प्राकृतिक सौंदर्य देखकर।
8. प्रश्न: 'कटाओ' को भारत का क्या कहा जाता है?
उत्तर: 'कटाओ' को भारत का स्विट्ज़रलैंड कहा जाता है।
9. प्रश्न: रास्ते में चट्टानों पर क्या लिखा हुआ था?
उत्तर: रास्ते में चट्टानों पर 'एवर-ग्रीन और ब्यूटिफुल' (सदाबहार और सुंदर) लिखा हुआ था।
10. प्रश्न: लायुंग क्या है?
उत्तर: लायuंग सिक्किम में एक पहाड़ी कस्बा है, जहाँ लेखिका ने रात गुजारी थी।
खंड 'ख' - संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न (SA) (2/3 अंक)
11. प्रश्न: 'गंतोक' को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' क्यों कहा गया है? (CBSE PYQ)
उत्तर: गंतोक को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' इसलिए कहा गया है क्योंकि यहाँ के निवासी अत्यंत परिश्रमी हैं। वे पहाड़ी जीवन की कठोरता के बावजूद अपने शहर को सुंदर बनाए रखते हैं। उनका जीवन श्रम पर आधारित है, लेकिन वे बेफिक्री से जीते हैं, मानो अपने ही साम्राज्य के बादशाह हों।
12. प्रश्न: श्वेत और रंगीन पताकाएँ (झंडियाँ) किन अवसरों की प्रतीक हैं?
उत्तर: श्वेत पताकाएँ (सफेद): किसी बुद्धिस्ट की मृत्यु पर फहराई जाती हैं। ये शांति और अहिंसा का प्रतीक होती हैं और इन्हें उतारा नहीं जाता। रंगीन पताकाएँ: किसी शुभ अवसर या नए कार्य की शुरुआत पर फहराई जाती हैं। ये जीवन के उल्लास और रंग का प्रतीक होती हैं।
13. प्रश्न: गाइड जितेन नार्गे के चरित्र की दो प्रमुख विशेषताएँ बताइए। (CBSE PYQ)
उत्तर: जितेन नार्गे के चरित्र की दो प्रमुख विशेषताएँ: 1. कुशल गाइड और संवेदनशील: वह केवल रास्ता ही नहीं बताता, बल्कि रास्ते में आने वाले प्रकृति के सौंदर्य और संस्कृति की पूरी जानकारी भी देता है। 2. मेहनती और ज़िम्मेदार: वह पथरीले रास्तों पर गाड़ी चलाकर पर्यटकों को ले जाता है और अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित है।
14. प्रश्न: लेखिका को 'कटाओ' जाते हुए रास्ते में हिमालय का सौंदर्य कैसा दिखाई दिया?
उत्तर: लेखिका को रास्ते में हिमालय का सौंदर्य विराट और अद्भुत दिखाई दिया। कहीं हरियाली थी, कहीं फूलों के गुच्छे थे, और कहीं पहाड़ों से झरने गिर रहे थे। यह सौंदर्य इतना प्रभावशाली था कि लेखिका को लगा कि उन्होंने ईश्वर के दर्शन कर लिए हों।
15. प्रश्न: लेखिका ने 'कटाओ' को भारत का स्विट्ज़रलैंड क्यों कहा है?
उत्तर: लेखिका ने कटाओ को भारत का स्विट्ज़रलैंड इसलिए कहा क्योंकि वहाँ का सौंदर्य बर्फ से ढका हुआ और अत्यंत नैसर्गिक (प्राकृतिक) था। यह स्थान अभी पर्यटकों की भीड़ और व्यावसायिकता से दूर था, जिससे उसका प्राकृतिक और शांत सौंदर्य अक्षुण्ण बना हुआ था।
16. प्रश्न: लेखिका को पहाड़ी रास्ते में पत्थर तोड़ती महिलाएँ क्यों आकर्षित करती हैं? (CBSE PYQ)
उत्तर: पत्थर तोड़ती महिलाएँ लेखिका को इसलिए आकर्षित करती हैं क्योंकि वे अत्यंत श्रमसाध्य काम कर रही थीं। उनके शरीर पर गरिमापूर्ण थकावट थी। वे सड़क बनाने जैसे जन-कल्याण का काम कर रही थीं, जबकि उनके हाथ में बच्चे भी थे। लेखिका को लगा कि ये महिलाएँ श्रम और मातृत्व का अद्भुत संगम हैं।
17. प्रश्न: प्रकृति के विराट और अति विशाल सौंदर्य को देखकर लेखिका को कैसी अनुभूति हुई?
उत्तर: प्रकृति के विशाल सौंदर्य को देखकर लेखिका अत्यंत शांत, शून्य और आत्मलीन महसूस करने लगीं। उन्हें लगा कि यह सौंदर्य उन्हें आध्यात्मिक आनंद दे रहा है और वे ब्रह्म के क़रीब पहुँच गई हैं। उनका सारा अस्तित्व थम गया था और वह केवल देखने और महसूस करने लगी थीं।
18. प्रश्न: 'उतार-चढ़ाव और विस्तार' को देखकर लेखिका ने जीवन के किस दर्शन को अनुभव किया?
उत्तर: लेखिका ने अनुभव किया कि जिस प्रकार पहाड़ों के उतार-चढ़ाव रास्ते का निर्माण करते हैं, उसी प्रकार जीवन के सुख-दुख और चुनौतियाँ ही जीवन को पूर्णता प्रदान करती हैं। जीवन का विस्तार ही हमें छोटी-छोटी बातों से ऊपर उठने की प्रेरणा देता है।
19. प्रश्न: 'फ्लावर-एन्ड-फोना' क्या होता है? इसका उल्लेख क्यों किया गया है?
उत्तर: 'फ्लावर-एन्ड-फोना' का अर्थ है फूल और वन्य जीवन। इसका उल्लेख इसलिए किया गया है क्योंकि हिमालय का यह क्षेत्र जैविक विविधता (Biodiversity) से भरा हुआ है। यह फूलों और दुर्लभ जीवों के लिए स्वर्ग है, जिसे देखकर लेखिका अत्यंत प्रभावित हुई थीं।
20. प्रश्न: लायुंग में लेखिका ने किन लोगों के जीवन की कठिनाइयों को महसूस किया?
उत्तर: लायुंग में लेखिका ने पहाड़ी महिलाओं और बच्चों के जीवन की कठिनाइयों को महसूस किया। वहाँ की महिलाएँ पर्यटकों को चाय देने के लिए नीचे उतरीं और बच्चों को स्कूल जाने के लिए घंटों पहाड़ों पर पैदल चलना पड़ता था।
खंड 'ग' - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (LA) (4/5 अंक)
21. प्रश्न: 'साना-साना हाथ जोड़ि' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए मनुष्य को किस प्रकार का दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। (CBSE PYQ)
उत्तर: प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए मनुष्य को भौतिकवादी नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाना चाहिए: 1. समर्पण: लेखिका की तरह हमें प्रकृति के सामने नम्र होना चाहिए और उसे शांत भाव से महसूस करना चाहिए। 2. जुड़ाव: हमें केवल दृश्य देखकर नहीं लौटना चाहिए, बल्कि वहाँ के स्थानीय लोगों के जीवन और उनकी संस्कृति से जुड़ना चाहिए। 3. श्रम का सम्मान: प्रकृति की सुंदरता के पीछे छिपे मेहनतकश लोगों के श्रम का सम्मान करना चाहिए। 4. शांतचित्त: हमें प्रकृति में अपनी छोटी-छोटी समस्याओं को भूलकर विराटता का अनुभव करना चाहिए।
22. प्रश्न: प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनंद के बीच भी लेखिका को दुखी क्यों होना पड़ा? (CBSE PYQ)
उत्तर: प्राकृतिक सौंदर्य के बीच भी लेखिका को मानवीय श्रम और जीवन के विरोधाभास को देखकर दुखी होना पड़ा: 1. महिला श्रमिकों का कष्ट: रास्ते में उन्होंने देखा कि महिलाएँ पत्थर तोड़कर सड़कें बना रही हैं, जो अत्यंत कठोर श्रम है। 2. बच्चों की कठिनाई: बच्चों को स्कूल जाने के लिए घंटों पैदल चलना पड़ता है। 3. सीमा पर तैनात सैनिक: सीमा पर जवानों की कठिन जिंदगी और उनके बलिदान को देखकर लेखिका उदास हो गईं। लेखिका ने महसूस किया कि जहाँ प्रकृति इतनी सुंदर है, वहीं मानव जीवन संघर्षों से भरा है।
23. प्रश्न: देश की सीमाओं पर सैनिक किस प्रकार की कठिनाइयाँ झेलते हैं? इन सैनिकों के प्रति हमारा क्या दायित्व है?
उत्तर: देश की सीमाओं पर सैनिक अत्यधिक कठोर जलवायु में कठिनाइयाँ झेलते हैं। उदाहरण: कड़ाके की ठंड में, जहाँ पेट्रोल भी जम जाता है, वे देश की रक्षा करते हैं, अपने परिवारों से दूर रहते हैं। दायित्व: हमारा दायित्व है कि हम उनका मानसिक सम्मान करें, उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव बनाएँ, और उनके बलिदान को कभी न भूलें। हमें यह समझना चाहिए कि उन्हीं के कारण हम देश के अंदर सुरक्षित हैं।
24. प्रश्न: जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति, वहाँ की भौगोलिक स्थिति एवं जनजीवन के बारे में क्या जानकारी दी?
उत्तर: जितेन नार्गे ने अनेक जानकारियाँ दीं: 1. बर्फ: उसने बताया कि 'कटाओ' में बर्फ मिलती है और वहाँ की सड़कें किस प्रकार सीमा तक जाती हैं। 2. सांस्कृतिक मान्यताएँ: उसने बताया कि सफेद और रंगीन पताकाएँ क्या दर्शाती हैं और धर्म चक्र का क्या महत्व है। 3. जनजीवन: उसने बताया कि पहाड़ी महिलाएँ कठोर श्रम करती हैं और बच्चे स्कूल जाने के लिए दूर-दूर तक पैदल चलते हैं। 4. प्राकृतिक चेतावनी: उसने यह भी बताया कि रास्ते खतरनाक हैं, इसलिए चुप रहना ही उचित है।
25. प्रश्न: लेखिका ने प्रकृति की उस अनंत और विराट सौंदर्य में डूबे हुए महसूस किया कि वह 'जीना' और 'जीवन' के बारे में क्या समझ गईं? (CBSE PYQ)
उत्तर: लेखिका ने समझा कि जीना (To live) एक साधारण क्रिया है, जबकि जीवन (Life) एक विराट दर्शन है। प्रकृति के अनंत सौंदर्य में खोकर उन्होंने महसूस किया कि उनका अस्तित्व कितना छोटा है, लेकिन जीवन का दायरा कितना बड़ा है। उन्होंने समझा कि प्रकृति हर पल सर्जन (Creation) कर रही है और विनाश (Destruction) भी। यह जीवन की निरंतर गतिशीलता का दर्शन था, जहाँ हर चीज का एक निश्चित अर्थ है।
26. प्रश्न: सिक्किम के लोगों की धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर: सिक्किम के लोगों की धार्मिक मान्यताएँ बौद्ध धर्म से प्रभावित थीं: 1. पताकाएँ: सफेद पताकाएँ मृत्यु पर और रंगीन पताकाएँ शुभ अवसर पर फहराई जाती हैं। 2. धर्म चक्र: लोगों का मानना है कि वहाँ धर्म चक्र है, जिसे घुमाने से सारे पाप धुल जाते हैं, चाहे शहर हो या गाँव। 3. आस्था: लोगों की आस्था प्रकृति से जुड़ी हुई थी, वे पहाड़ों, नदियों और झरनों को पवित्र मानते थे।
27. प्रश्न: 'साना-साना हाथ जोड़ि' यात्रा-वृत्तांत के शीर्षक की सार्थकता सिद्ध कीजिए।
उत्तर: यह शीर्षक पूरी तरह सार्थक है क्योंकि यह पाठ के भावनात्मक और आध्यात्मिक केंद्रीय विषय को दर्शाता है। 1. विनम्रता: 'साना-साना हाथ जोड़ि' का अर्थ है छोटे-छोटे हाथ जोड़कर, जो मनुष्य की प्रकृति और ईश्वर के प्रति विनम्रता को दर्शाता है। 2. कामना: यह बच्चों द्वारा की गई प्रार्थना है, जो जीवन की सहज शुभकामना को व्यक्त करती है। यह शीर्षक उस भावना को दर्शाता है जिससे लेखिका ने पूरी यात्रा के दौरान प्रकृति के सामने खुद को छोटा और समर्पित महसूस किया।
28. प्रश्न: आज के पर्यटक इन पहाड़ी स्थानों को किस प्रकार प्रभावित कर रहे हैं? पाठ के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर: आज के पर्यटक इन पहाड़ी स्थानों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं। 1. प्रदूषण: पर्यटक इन स्थानों पर कूड़ा-कचरा, प्लास्टिक और गंदगी फैलाते हैं, जिससे स्वच्छता समाप्त हो रही है। 2. व्यावसायिकता: पर्यटकों की भीड़ के कारण इन स्थानों पर शहरी व्यावसायिकता बढ़ गई है, जिससे प्राकृतिक सौंदर्य में कमी आ रही है। 3. कटाओ का उदाहरण: 'कटाओ' को अभी तक स्विट्ज़रलैंड जैसा बनाने से रोक रखा है, क्योंकि पर्यटक इसे गंदा कर सकते हैं। यह आज के पर्यटकों की गैर-जिम्मेदाराना प्रवृत्ति को दर्शाता है।
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29. प्रश्न: लेखिका को किस दृश्य को देखकर लगा कि समय मानो 'ठहर गया' है? इस पर विस्तृत टिप्पणी कीजिए।
उत्तर: लेखिका को झरनों के प्रवाह, फूलों के सौंदर्य और आकाश की विशालता को देखकर लगा कि समय मानो 'ठहर गया' है। यह अनुभव शून्य और आत्मलीन था। इस दृश्य ने लेखिका को असीम शांति प्रदान की, जहाँ मन की सारी चिंताएँ और विचार समाप्त हो गए। यह क्षण उनके लिए आध्यात्मिक एकाग्रता का था, जो प्रकृति के विराट सौंदर्य से मिलता है।
30. प्रश्न: जीवन में 'श्रम-साधना' का क्या महत्व है? यह पाठ इस बात को कैसे स्थापित करता है?
उत्तर: जीवन में श्रम-साधना का महत्व यह है कि यह सर्जन और विकास का आधार है। यह पाठ इस बात को दो तरह से स्थापित करता है: 1. सड़क बनाने वाली महिलाएँ: ये महिलाएँ कठोर श्रम करके पहाड़ी रास्तों को सुगम बनाती हैं, जिससे सभ्यता आगे बढ़ती है। 2. गंतोक के लोग: उन्हें 'मेहनतकश बादशाह' कहा गया है, क्योंकि उनका जीवन श्रम पर आधारित है और वे अपनी मेहनत से ही अपने शहर को सुंदर बनाते हैं। पाठ बताता है कि श्रम ही जीवन की आधारशिला है।
यह अध्याय 13 का संशोधित पोस्ट है।
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