संगतकार (मंगलेश डबराल) CBSE बोर्ड बूस्टर: 30 सर्वश्रेष्ठ पिछले वर्ष के प्रश्न और उत्तर

यह प्रश्नोत्तर शृंखला CBSE बोर्ड परीक्षा पैटर्न पर आधारित है, जो आपको इस पाठ के गहन विश्लेषण में मदद करेगी।

खंड 'क' - अति संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न (VSA) (1 अंक)

1. प्रश्न: 'संगतकार' कविता में 'संगतकार' किसे कहा गया है? उत्तर: 'संगतकार' मुख्य गायक का साथ देने वाले सहायक कलाकार या गायक को कहा गया है।
2. प्रश्न: मुख्य गायक की आवाज़ कैसी बताई गई है? उत्तर: मुख्य गायक की आवाज़ 'चट्टान जैसी भारी-भरकम' बताई गई है।
3. प्रश्न: संगतकार की आवाज़ कैसी होती है? उत्तर: संगतकार की आवाज़ सुंदर, कमजोर और काँपती हुई होती है।
4. प्रश्न: संगतकार मुख्य गायक का साथ कब-कब देता है? उत्तर: जब मुख्य गायक का गला बैठ जाता है, उसकी प्रेरणा साथ छोड़ने लगती है या वह अंतरे की जटिल तानों में खो जाता है, तब संगतकार उसका साथ देता है।
5. प्रश्न: 'तारसप्तक' में गाने पर मुख्य गायक को क्या अनुभूति होती है? उत्तर: 'तारसप्तक' (ऊँचे स्वर) में गाने पर मुख्य गायक का गला बैठने लगता है और उसकी प्रेरणा समाप्त होने लगती है।
6. प्रश्न: संगतकार अपनी आवाज़ को मुख्य गायक की आवाज़ से ऊँचा क्यों नहीं उठाता? उत्तर: संगतकार अपनी आवाज़ को ऊँचा न उठाकर मुख्य गायक को सम्मान देता है; यह उसकी 'मनुष्यता' है, न कि विफलता।
7. प्रश्न: संगतकार को मुख्य गायक का छोटा भाई या शिष्य क्यों कहा गया है? उत्तर: क्योंकि वह उसी आत्मीयता और सम्मान के साथ मुख्य गायक का साथ देता है, जैसे कोई छोटा भाई या शिष्य देता है।
8. प्रश्न: 'स्थायी' को बार-बार गाना किसका काम है? उत्तर: जब मुख्य गायक अंतरे में भटक जाता है, तो संगतकार गीत की मुख्य पंक्ति 'स्थायी' को बार-बार गाकर माहौल को सँभालता है।
9. प्रश्न: संगतकार का स्वर मुख्य गायक को क्या याद दिलाता है? उत्तर: संगतकार का स्वर मुख्य गायक को उसके नौसिखिया दिनों की याद दिलाता है, जब वह गाना सीख रहा होता था।
10. प्रश्न: संगतकार की 'मनुष्यता' किसे समझना चाहिए? उत्तर: उसकी इस भावना को कि वह योग्य होते हुए भी अपनी आवाज़ को मुख्य गायक की आवाज़ से धीमा रखता है, उसकी 'मनुष्यता' समझना चाहिए।

खंड 'ख' - संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न (SA) (2/3 अंक)

11. प्रश्न: संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और किन-किन क्षेत्रों में हो सकते हैं? (CBSE PYQ) उत्तर: संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा नृत्य, नाटक, खेल, राजनीति और यहाँ तक कि परिवार में भी हो सकते हैं। हर उस क्षेत्र में जहाँ एक मुख्य व्यक्ति की सफलता के पीछे अनेक सहायक लोगों का निस्वार्थ योगदान होता है, वहाँ संगतकार मौजूद होते हैं।
12. प्रश्न: 'उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है'—इस हिचक का क्या कारण हो सकता है? उत्तर: इस हिचक का कारण उसका आत्मविश्वास में कमी होना नहीं, बल्कि मुख्य गायक के प्रति उसका सम्मान है। वह जान-बूझकर अपनी आवाज़ में एक संकोच बनाए रखता है ताकि उसकी आवाज़ मुख्य गायक की आवाज़ पर हावी न हो जाए।
13. प्रश्न: सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान व्यक्ति लड़खड़ाते हैं, तब संगतकार उन्हें कैसे सहयोग देते हैं? उत्तर: जब सफल व्यक्ति लड़खड़ाते हैं, तो संगतकार उन्हें भावनात्मक और व्यावसायिक संबल प्रदान करते हैं। वे उनकी कमियों को ढकते हैं, उन्हें अकेलेपन का अहसास नहीं होने देते और उन्हें यह याद दिलाकर कि वे अकेले नहीं हैं, उनका आत्मविश्वास वापस लाते हैं।
14. प्रश्न: संगतकार द्वारा अपने स्वर को मुख्य गायक के स्वर से कम रखना क्या उसका 'त्याग' है या 'मजबूरी'? स्पष्ट कीजिए। उत्तर: यह संगतकार का 'त्याग' है, 'मजबूरी' नहीं। वह योग्य और प्रतिभाशाली हो सकता है, लेकिन वह मुख्य कलाकार की सफलता और सम्मान के लिए स्वेच्छा से स्वयं को पीछे रखता है। यह उसकी महानता और मानवीय गुण है।
15. प्रश्न: 'संगतकार' कविता की भाषा-शैली पर टिप्पणी कीजिए। उत्तर: 'संगतकार' कविता की भाषा सरल, सहज और प्रवाहमयी खड़ी बोली है। इसमें दृश्यात्मकता का गुण है, जिससे संगीत सभा का चित्र आँखों के सामने आ जाता है। कवि ने 'चट्टान जैसी भारी' जैसे उपमा अलंकार का प्रयोग किया है। मुक्त छंद में लिखी होने के बावजूद कविता में एक आंतरिक लय है।
16. प्रश्न: संगतकार की भूमिका का महत्व कब और क्यों बढ़ जाता है? उत्तर: संगतकार की भूमिका का महत्व तब बढ़ जाता है जब मुख्य गायक का प्रदर्शन कमजोर पड़ने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उस समय कार्यक्रम की सफलता का पूरा दारोमदार संगतकार पर आ जाता है। वह अपने सधे हुए स्वर से न केवल मुख्य गायक को सँभालता है, बल्कि दर्शकों को भी बाँधे रखता है।
17. प्रश्न: कविता में मुख्य गायक के लिए प्रयुक्त उपमा का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए। उत्तर: कविता में मुख्य गायक की आवाज़ के लिए 'चट्टान जैसी भारी-भरकम' उपमा का प्रयोग किया गया है। यह उपमा अत्यंत सटीक है क्योंकि यह मुख्य गायक के स्वर के गंभीर, स्थिर और प्रभावशाली होने का बोध कराती है। इससे गायक के अनुभव और आत्मविश्वास का पता चलता है।
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18. प्रश्न: 'जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन'—यहाँ 'बचपन' का क्या सांकेतिक अर्थ है? उत्तर: यहाँ 'बचपन' का सांकेतिक अर्थ है 'नौसिखिया होने का दौर'। संगतकार का सधा हुआ स्वर मुख्य गायक को उसके शुरुआती दिनों की याद दिलाता है जब वह स्वयं एक नौसिखिया था और उसका स्वर भी इसी तरह सधा हुआ नहीं था। यह उसे अपनी जड़ों से जोड़े रखता है।
19. प्रश्न: 'और उसकी असफलता नहीं, उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए'—कवि ऐसा क्यों कहता है? उत्तर: कवि ऐसा इसलिए कहता है क्योंकि समाज अक्सर पीछे रहने वाले व्यक्ति को असफल मान लेता है। लेकिन संगतकार का पीछे रहना उसकी अयोग्यता नहीं, बल्कि उसकी महानता और मानवीय गुण है। वह मुख्य कलाकार को सम्मान देने के लिए स्वेच्छा से यह भूमिका निभाता है, इसलिए इसे उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।
20. प्रश्न: किसी भी कार्य में 'संगतकार' की क्या भूमिका होती है? उत्तर: किसी भी कार्य में संगतकार की भूमिका नींव के पत्थर जैसी होती है। वह मुख्य कलाकार या नेता को सहारा देता है, उसकी कमियों को पूरा करता है और पर्दे के पीछे रहकर उसकी सफलता को सुनिश्चित करता है। वह सफलता का श्रेय नहीं लेता, लेकिन उसके बिना सफलता अक्सर संभव नहीं होती।

खंड 'ग' - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (LA) (4/5 अंक)

21. प्रश्न: 'संगतकार' कविता का प्रतिपाद्य या उद्देश्य क्या है? (CBSE PYQ) उत्तर: 'संगतकार' कविता का उद्देश्य समाज में सहायक कलाकारों और पर्दे के पीछे रहकर काम करने वाले निस्वार्थ सहयोगियों के महत्व को उजागर करना है। कवि यह संदेश देना चाहता है कि किसी भी मुख्य कलाकार या व्यक्ति की सफलता में अनगिनत 'संगतकारों' का योगदान होता है, जिन्हें अक्सर भुला दिया जाता है। यह कविता हमें उन गुमनाम नायकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का भाव रखने की प्रेरणा देती है।
22. प्रश्न: एक अच्छे संगतकार में क्या-क्या गुण होने चाहिए? कविता के आधार पर बताइए। उत्तर: कविता के आधार पर एक अच्छे संगतकार में निम्नलिखित गुण होने चाहिए: 1. विषय का गहरा ज्ञान: उसे अपने क्षेत्र का पूरा ज्ञान होना चाहिए ताकि वह मुख्य कलाकार की गलती को सँभाल सके। 2. विनम्रता और त्याग की भावना: उसमें स्वयं को पीछे रखकर मुख्य कलाकार को महत्व देने का गुण होना चाहिए। 3. संवेदनशीलता: उसे यह समझने की क्षमता होनी चाहिए कि मुख्य कलाकार को कब और कैसे सहारे की जरूरत है। 4. आत्मविश्वास: उसे अपनी भूमिका को बिना किसी हीन भावना के आत्मविश्वास के साथ निभाना चाहिए।
23. प्रश्न: 'संगतकार' कविता सामाजिक समरसता का संदेश कैसे देती है? उत्तर: यह कविता सामाजिक समरसता का गहरा संदेश देती है। यह हमें सिखाती है कि समाज किसी एक व्यक्ति से नहीं, बल्कि सबके সম্মিলিত प्रयास से चलता है। जिस प्रकार संगतकार के बिना मुख्य गायक अधूरा है, उसी प्रकार समाज में हर छोटे-बड़े व्यक्ति का अपना महत्व है। जब हम मुख्य भूमिका वाले लोगों के साथ-साथ सहायक भूमिका निभाने वालों का भी सम्मान करना सीख जाते हैं, तभी एक सामंजस्यपूर्ण और समरस समाज का निर्माण होता है।
24. प्रश्न: क्या आप मानते हैं कि संगतकार की भूमिका निभाने वाला व्यक्ति हमेशा गुमनाम ही रह जाता है? अपने विचार लिखिए। उत्तर: हाँ, अधिकतर मामलों में यह सच है कि संगतकार की भूमिका निभाने वाला व्यक्ति गुमनाम ही रह जाता है। समाज और मीडिया का ध्यान हमेशा मुख्य कलाकार पर ही केंद्रित रहता है। सफलता का श्रेय मुख्य कलाकार को मिलता है, जबकि उसकी सफलता के पीछे के सहयोगियों के योगदान को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में अब सहायक कलाकारों के महत्व को पहचाना जाने लगा है, लेकिन फिर भी उन्हें वह प्रसिद्धि नहीं मिलती जिसके वे हकदार होते हैं।
25. प्रश्न: 'जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान'—इस पंक्ति में निहित भाव और काव्य-सौंदर्य को स्पष्ट कीजिए। उत्तर: भाव-सौंदर्य: इस पंक्ति का भाव है कि जब मुख्य गायक अपनी तान में भटक जाता है या उसके स्वर बिखरने लगते हैं, तो संगतकार बड़ी कुशलता से उन बिखरे हुए स्वरों को सँभालता है और वापस गीत की मुख्य लय पर ले आता है। यह उसकी जिम्मेदारी और कुशलता को दर्शाता है। काव्य-सौंदर्य: यहाँ 'पीछे छूटा हुआ सामान' एक सुंदर रूपक है, जो मुख्य गायक के बिखरे हुए स्वरों के लिए प्रयुक्त हुआ है। 'जैसे' शब्द के प्रयोग से यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है। यह पंक्ति संगतकार की भूमिका को सजीव कर देती है।
26. प्रश्न: 'संगतकार' शीर्षक की सार्थकता पर विचार प्रकट कीजिए। उत्तर: 'संगतकार' शीर्षक विषय की दृष्टि से पूर्णतः सार्थक है। पूरी कविता एक संगतकार के चरित्र, उसकी भूमिका, उसके त्याग और उसके महत्व के आसपास केंद्रित है। यह शीर्षक कविता के मर्म को सटीकता से व्यक्त करता है। यह उन सभी सहायक व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है जो मुख्य कलाकार की सफलता में निस्वार्थ योगदान देते हैं। शीर्षक संक्षिप्त, आकर्षक और कविता के उद्देश्य को पूरी तरह स्पष्ट करने वाला है।
27. प्रश्न: कल्पना कीजिए कि आप एक प्रसिद्ध संगीतकार हैं और आपको अपने संगतकार के बारे में कुछ शब्द कहने हैं। आप क्या कहेंगे? उत्तर: यदि मैं एक प्रसिद्ध संगीतकार होता, तो मैं अपने संगतकार के बारे में कहता, "आज मैं जो कुछ भी हूँ, उसमें मेरी कला के साथ-साथ मेरे इस साथी का भी बराबर का योगदान है। यह केवल मेरा सह-गायक नहीं, बल्कि मेरी आवाज़ का संबल और मेरी प्रेरणा का स्रोत है। जब भी मेरे स्वर लड़खड़ाए, इसने मुझे सँभाला। मेरी सफलता की इस इमारत की नींव में मेरे संगतकार का त्याग और समर्पण शामिल है। मैं आप सबसे अनुरोध करता हूँ कि मेरी तालियों के साथ-साथ इस गुमनाम नायक के लिए भी तालियाँ बजाएँ।"
28. प्रश्न: वर्तमान समय में संगतकारों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर टिप्पणी कीजिए। उत्तर: वर्तमान समय में संगतकारों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। सामाजिक रूप से उन्हें मुख्य कलाकार जैसी प्रसिद्धि और सम्मान नहीं मिलता। आर्थिक रूप से भी उनका पारिश्रमिक मुख्य कलाकार की तुलना में बहुत कम होता है। उन्हें अक्सर अस्थिर रोजगार और भविष्य की अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है। हालांकि कुछ प्रसिद्ध संगतकारों ने अपनी पहचान बनाई है, लेकिन अधिकांश आज भी पहचान और उचित आय के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
29. प्रश्न: 'उसे यह आभास रहता है कि वह अकेला नहीं है'—यह आभास मुख्य गायक के लिए क्यों महत्वपूर्ण है? उत्तर: यह आभास मुख्य गायक के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उसे मनोवैज्ञानिक संबल प्रदान करता है। जब कोई कलाकार मंच पर प्रदर्शन करता है, तो उस पर बहुत दबाव होता है। यह जानना कि कोई है जो उसकी गलती पर उसे सँभाल लेगा, उसके आत्मविश्वास को बढ़ाता है। इससे वह बिना किसी डर के अपनी कला का खुलकर प्रदर्शन कर पाता है और कठिन चुनौतियों का सामना करने से नहीं घबराता।
30. प्रश्न: कवि ने संगतकार के लिए 'छोटा भाई', 'शिष्य' या 'पैदल आया रिश्तेदार' जैसे संबंधों का उल्लेख क्यों किया है? उत्तर: कवि ने इन संबंधों का उल्लेख यह दर्शाने के लिए किया है कि संगतकार का मुख्य गायक के साथ रिश्ता केवल पेशेवर नहीं, बल्कि आत्मीय और स्नेहपूर्ण होता है। 'छोटा भाई' और 'शिष्य' का संबंध समर्पण और सम्मान को दर्शाता है। 'पैदल आया रिश्तेदार' का उल्लेख यह बताता है कि संगतकार अक्सर विनम्र पृष्ठभूमि से आते हैं और उनमें कोई अहंकार नहीं होता। ये सभी संबंध संगतकार के निस्वार्थ और विनम्र स्वभाव को उजागर करते हैं।

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