उत्साह (सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला') CBSE बोर्ड बूस्टर: 30 सर्वश्रेष्ठ पिछले वर्ष के प्रश्न और उत्तर

उत्साह (सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला') CBSE बोर्ड बूस्टर: 30 सर्वश्रेष्ठ पिछले वर्ष के प्रश्न और उत्तर
यह प्रश्नोत्तर शृंखला CBSE बोर्ड परीक्षा पैटर्न पर आधारित है, जो आपको इस पाठ के गहन विश्लेषण में मदद करेगी।

खंड 'क' - अति संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न (VSA) (1 अंक)

1. प्रश्न: 'उत्साह' कविता में कवि ने बादलों को किसका प्रतीक माना है? उत्तर: कवि ने बादलों को 'क्रांति', 'नवजीवन' और 'परिवर्तन' का प्रतीक माना है।
2. प्रश्न: 'वज्र छिपा नूतन कविता' से कवि का क्या आशय है? उत्तर: इसका आशय है कि बादलों की गर्जन में कठोरता और शक्ति (वज्र) छिपी है, जिसका उपयोग नई चेतना और क्रांति लाने के लिए किया जा सकता है।
3. प्रश्न: 'उत्साह' कविता में बादल किस दिशा से आते हुए प्रतीत होते हैं? उत्तर: बादल किसी भी अज्ञात दिशा (अनंत के घन) से आते हुए प्रतीत होते हैं।
4. प्रश्न: कवि ने बादलों की तुलना किससे की है? उत्तर: कवि ने बादलों की तुलना 'बाल-कल्पना' (बच्चों की कल्पना) और 'काले घुंघराले बालों' से की है।
5. प्रश्न: 'उत्साह' किस प्रकार का गीत है? उत्तर: 'उत्साह' एक आह्वान गीत है, जिसमें कवि बादलों का आह्वान कर रहा है।
6. प्रश्न: कवि बादलों से क्या करने का आग्रह करता है? उत्तर: कवि बादलों से गरजने, बरसने और पूरी धरती को शीतल करने का आग्रह करता है।
7. प्रश्न: कविता के अनुसार कौन व्याकुल और अनमने थे? उत्तर: कविता के अनुसार, गर्मी के कारण विश्व के सभी लोग (सकल जन) व्याकुल और अनमने थे।
8. प्रश्न: 'तप्त धरा' का सांकेतिक अर्थ क्या है? उत्तर: 'तप्त धरा' का सांकेतिक अर्थ सांसारिक दुखों, कष्टों और अन्याय से पीड़ित धरती या समाज है।
9. प्रश्न: बादलों के हृदय में क्या छिपा है? उत्तर: बादलों के हृदय में बिजली रूपी वज्र की शक्ति छिपी हुई है।
10. प्रश्न: कवि बादलों को 'नवजीवन वाले' क्यों कहता है? उत्तर: कवि बादलों को 'नवजीवन वाले' इसलिए कहता है क्योंकि वे जल बरसाकर सूखी धरती और प्यासे प्राणियों को नया जीवन देते हैं।

खंड 'ख' - संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न (SA) (2/3 अंक)

11. प्रश्न: 'उत्साह' कविता में कवि बादलों से किन-किन कार्यों के लिए आग्रह करता है? (CBSE PYQ) उत्तर: कवि बादलों से तीन मुख्य कार्य करने का आग्रह करता है: 1. घनघोर गर्जन द्वारा जनमानस में क्रांति और जोश भरना। 2. बरसकर धरती की तपन शांत करना और ताप हरण करना। 3. नवजीवन प्रदान करना, यानी समाज को एक नई दिशा देना और परिवर्तन लाना।
12. प्रश्न: कवि ने बादलों को 'अशांत' और 'विद्रोही' क्यों कहा है? उत्तर: कवि ने बादलों को 'अशांत' और 'विद्रोही' इसलिए कहा है क्योंकि वे केवल बरसकर शांति नहीं लाते, बल्कि गरजकर और बिजली चमकाकर समाज में बदलाव (क्रांति) के लिए बेचैनी और विद्रोह की भावना जगाते हैं।
13. प्रश्न: कवि ने 'उत्साह' कविता में किस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया है? उत्तर: कवि ने ओजपूर्ण, संस्कृतनिष्ठ (तत्सम) और भावपूर्ण खड़ी बोली का प्रयोग किया है, जो 'वीर रस' और 'रौद्र रस' के भावों को व्यक्त करने के लिए उपयुक्त है।
14. प्रश्न: 'विकल विकल, उन्मन थे उन्मन' - पंक्ति में निहित अलंकार और भाव स्पष्ट कीजिए। उत्तर: इस पंक्ति में 'विकल विकल' में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है। इसका भाव यह है कि भीषण गर्मी के कारण संसार के सभी लोग बहुत अधिक बेचैन और अनमने थे। उनका मन किसी भी काम में नहीं लग रहा था और वे शांति की प्रतीक्षा कर रहे थे।
15. प्रश्न: 'उत्साह' कविता के शीर्षक की सार्थकता बताइए। उत्तर: 'उत्साह' शीर्षक पूर्णतः सार्थक है क्योंकि यह कविता बादलों के माध्यम से समाज में क्रांति और नवनिर्माण का जोश भरने का आह्वान करती है। बादल गर्जना करके सोए हुए लोगों में उत्साह भरते हैं और उन्हें परिवर्तन के लिए प्रेरित करते हैं। यह कविता निराशा को दूर कर उत्साह का संचार करती है।
16. प्रश्न: ' घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!' - पंक्ति का काव्य-सौंदर्य लिखिए। उत्तर: इस पंक्ति में 'घ' वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार है। भाषा संस्कृतनिष्ठ और ओजपूर्ण है। कवि बादलों को संबोधित करते हुए उन्हें पूरे आकाश को घेर लेने के लिए कह रहा है। इसमें आह्वान शैली का प्रयोग है, जो कविता में जोश और गति का संचार करता है।
17. प्रश्न: कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है? उत्तर: कविता में बादल तीन अर्थों की ओर संकेत करता है: 1. जल बरसाकर प्यास बुझाने वाले परोपकारी के रूप में। 2. गर्मी से पीड़ित लोगों को शांति देने वाले सुखदाता के रूप में। 3. समाज में क्रांति और चेतना का संचार करने वाले विद्रोही कवि या नायक के रूप में।
18. प्रश्न: 'ललित ललित, काले घुंघराले' - यहाँ बादलों के किस स्वरूप का वर्णन है? उत्तर: यहाँ बादलों के सुंदर और कोमल स्वरूप का वर्णन है। कवि को आकाश में छाए काले-काले बादल ऐसे प्रतीत हो रहे हैं, जैसे किसी सुंदर बच्चे के काले और घुंघराले बाल हों। यह वर्णन बादलों के विनाशकारी रूप के विपरीत उनके कलात्मक और मनमोहक पक्ष को दर्शाता है।
19. प्रश्न: कवि बादलों से रिमझिम बरसने के स्थान पर 'गरजने' के लिए क्यों कहता है? उत्तर: कवि बादलों से 'गरजने' के लिए इसलिए कहता है क्योंकि वह समाज में केवल कोमल परिवर्तन नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली क्रांति चाहता है। गर्जना विद्रोह और क्रांति का प्रतीक है। कवि का मानना है कि गर्जना से ही सोए हुए और उदासीन लोगों में जोश और उत्साह का संचार होगा।
20. प्रश्न: 'उत्साह' कविता में कवि निराला का जीवन-दर्शन कैसे झलकता है? उत्तर: इस कविता में कवि निराला का क्रांतिकारी और विद्रोही जीवन-दर्शन झलकता है। वे सामाजिक अन्याय और रूढ़ियों के प्रति विद्रोह का भाव रखते हैं। वे साहित्य को मनोरंजन का साधन न मानकर समाज में चेतना और बदलाव लाने का एक शक्तिशाली माध्यम मानते हैं।

खंड 'ग' - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (LA) (4/5 अंक)

21. प्रश्न: 'उत्साह' कविता में कवि बादलों को एक ओर पौरुष और क्रांति का प्रतीक, तो दूसरी ओर सौंदर्य और कोमलता का प्रतीक कैसे बनाता है? (CBSE PYQ) उत्तर: 1. पौरुष और क्रांति: बादलों की घनघोर गर्जना और विनाशकारी शक्ति में पौरुष है। वे बिजली चमकाकर और गर्जन करके समाज में क्रांति और नवचेतना का संचार करते हैं। 2. सौंदर्य और कोमलता: बादल काले घुंघराले बालों जैसे सुंदर दिखाई देते हैं और वे शांति और शीतलता भी लाते हैं। वे बरसकर धरती की तपन शांत करते हैं और जीवन को हरियाली प्रदान करते हैं, जो उनके कोमल रूप को दर्शाता है।
22. प्रश्न: कवि निराला ने 'उत्साह' कविता में बादल के माध्यम से क्या संदेश देना चाहा है? उत्तर: कवि बादलों के माध्यम से समाज में क्रांति और परिवर्तन का संदेश देना चाहते हैं। वह चाहता है कि लोग पुरानी रूढ़ियों को तोड़ें और सोए हुए समाज में नवचेतना का संचार हो। बादल गर्मी को शांत कर नवजीवन लाते हैं, वैसे ही क्रांति समाज के दुखों को दूर कर एक नई, न्यायपूर्ण शुरुआत करती है।
23. प्रश्न: 'बादल, गरजो!' का आह्वान कवि क्यों करता है? इसका सामाजिक संदर्भ क्या है? उत्तर: कवि 'बादल, गरजो!' का आह्वान दोहरे अर्थ में करता है: 1. प्राकृतिक अर्थ: भीषण गर्मी से तपती धरती को शीतलता प्रदान करने और प्यास बुझाने के लिए। 2. सामाजिक अर्थ: समाज में क्रांति का आह्वान करने, सोए हुए लोगों को जगाने, और अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने की नई चेतना भरने के लिए। गर्जना उस विद्रोह का प्रतीक है जो समाज की जड़ता को तोड़कर एक नई व्यवस्था का निर्माण करता है।
24. प्रश्न: 'उत्साह' कविता की भाषा-शैली (शिल्प-सौंदर्य) पर प्रकाश डालिए। उत्तर: 'उत्साह' कविता की भाषा-शैली अत्यंत ओजपूर्ण और प्रभावशाली है: 1. तत्सम शब्दावली: 'धाराधर', 'वज्र', 'उन्मन', 'सकल' जैसे संस्कृतनिष्ठ शब्दों का प्रयोग है। 2. प्रतीकात्मकता: बादल को क्रांति और कवि को नवनिर्माता का प्रतीक माना गया है। 3. नाद-सौंदर्य: 'घेर घेर घोर गगन' जैसी पंक्तियों में ধ্বन्यात्मकता और संगीतात्मकता है। 4. संबोधन शैली: 'ओ बादल!', 'गरजो!' जैसे संबोधनों से कविता में ऊर्जा का संचार होता है। 5. मानवीकरण: बादलों को एक चेतन सत्ता मानकर उनसे बात की गई है।
25. प्रश्न: 'उत्साह' कविता का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए। (CBSE PYQ) उत्तर: 'उत्साह' कविता का प्रतिपाद्य है बादलों के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन और क्रांति की भावना का संचार करना। यह कविता केवल प्रकृति के सौंदर्य का वर्णन नहीं करती, बल्कि बादलों को एक विद्रोही शक्ति के रूप में प्रस्तुत करती है जो गर्मी से पीड़ित धरती को शीतलता प्रदान करती है। ठीक उसी प्रकार, कवि साहित्य के द्वारा समाज में व्याप्त अन्याय और शोषण से पीड़ित लोगों के जीवन में बदलाव लाना चाहता है और उनमें एक नया उत्साह भरना चाहता है।
26. प्रश्न: कवि ने बादलों को 'अज्ञात दिशा के अनंत के घन' क्यों कहा है? उत्तर: कवि ने बादलों को 'अज्ञात दिशा के अनंत के घन' इसलिए कहा है क्योंकि आकाश में बादल किसी एक निश्चित दिशा से नहीं आते, बल्कि वे अचानक चारों दिशाओं से घिर आते हैं। उनका आगमन अप्रत्याशित होता है। इसी प्रकार, समाज में क्रांति की लहर भी किसी एक निश्चित दिशा या व्यक्ति से नहीं आती, बल्कि वह जन-जन के मन से अज्ञात रूप से फूट पड़ती है। यह पंक्ति क्रांति की व्यापकता और अप्रत्याशित प्रकृति को दर्शाती है।
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27. प्रश्न: निराला जी को 'क्रांतिकारी कवि' क्यों कहा जाता है? 'उत्साह' कविता के आधार पर सिद्ध कीजिए। उत्तर: निराला जी को 'क्रांतिकारी कवि' इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से सामाजिक रूढ़ियों, अन्याय और शोषण के विरुद्ध आवाज़ उठाई। 'उत्साह' कविता इसका एक प्रबल उदाहरण है। इसमें वे बादलों को केवल जल बरसाने का माध्यम नहीं मानते, बल्कि उन्हें क्रांति का दूत मानते हैं। वे बादलों से गरजने का आह्वान करते हैं, जो सामाजिक जड़ता को तोड़ने और एक नई चेतना लाने का प्रतीक है। यह कविता समाज में बदलाव की तीव्र इच्छा को व्यक्त करती है, जो निराला के क्रांतिकारी स्वभाव को सिद्ध करता है।
28. प्रश्न: कविता में निहित संदेश को आज के सामाजिक संदर्भ में स्पष्ट कीजिए। उत्तर: 'उत्साह' कविता का संदेश आज के सामाजिक संदर्भ में भी उतना ही प्रासंगिक है। आज भी समाज में भ्रष्टाचार, अन्याय, असमानता जैसी अनेक समस्याएं व्याप्त हैं, जो समाज को तप्त धरा के समान पीड़ा दे रही हैं। कविता यह संदेश देती है कि इन समस्याओं को दूर करने के लिए समाज के कवियों, लेखकों और युवाओं को बादलों की तरह क्रांतिकारी भूमिका निभानी होगी। उन्हें अपनी रचनात्मक शक्ति से समाज में चेतना लानी होगी और शोषितों के मन में एक नया उत्साह भरना होगा ताकि वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर सकें।
29. प्रश्न: 'बाल-कल्पना के-से पाले' में निहित अलंकार और भाव को स्पष्ट कीजिए। उत्तर: इस पंक्ति में 'के-से' वाचक शब्द के कारण उपमा अलंकार है। यहाँ बादलों के स्वरूप की तुलना बच्चों की कल्पना से की गई है। इसका भाव यह है कि जिस प्रकार बच्चों की कल्पनाएँ मधुर, नई-नई और पल-पल बदलती रहती हैं, उसी प्रकार आकाश में छाए बादल भी सुंदर, नए-नए रूपों वाले और मन को मोह लेने वाले हैं। यह बादलों के कलात्मक और कोमल पक्ष को उजागर करता है।
30. प्रश्न: कवि समाज में परिवर्तन के लिए कोमलता और कठोरता, दोनों को आवश्यक क्यों मानता है? उत्तर: कवि समाज में परिवर्तन के लिए कोमलता और कठोरता, दोनों को आवश्यक मानता है। कोमलता (जल बरसाना) निर्माण और सृजन के लिए आवश्यक है, जो लोगों को शांति और नया जीवन देती है। वहीं, कठोरता (वज्र और गर्जना) समाज में व्याप्त बुराइयों, अन्याय और रूढ़ियों को नष्ट करने के लिए आवश्यक है। बिना कठोर विद्रोह के इन बुराइयों को समाप्त नहीं किया जा सकता। इसलिए, एक संतुलित और स्थायी परिवर्तन के लिए सृजन और विनाश, दोनों ही अनिवार्य हैं।

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