आत्म-कथ्य (जयशंकर प्रसाद) CBSE बोर्ड बूस्टर: 30 सर्वश्रेष्ठ पिछले वर्ष के प्रश्न और उत्तर

आत्म-कथ्य (जयशंकर प्रसाद) CBSE बोर्ड बूस्टर: 30 सर्वश्रेष्ठ पिछले वर्ष के प्रश्न और उत्तर by Vishal jihuli
यह प्रश्नोत्तर शृंखला CBSE बोर्ड परीक्षा पैटर्न पर आधारित है, जो आपको इस पाठ के गहन विश्लेषण में मदद करेगी।

खंड 'क' - अति संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न (VSA) (1 अंक)

1. प्रश्न: 'आत्म-कथ्य' कविता में कवि ने अपने जीवन को किसकी उपमा दी है? उत्तर: कवि ने अपने जीवन को एक 'रीती गागर' (खाली घड़ा) की उपमा दी है।
2. प्रश्न: कवि जयशंकर प्रसाद आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहते हैं? उत्तर: कवि आत्मकथा लिखने से इसलिए बचना चाहते हैं क्योंकि वे अपने जीवन के व्यक्तिगत दुखों और कमजोरियों को सार्वजनिक नहीं करना चाहते।
3. प्रश्न: कवि ने अपनी प्रेयसी के सौंदर्य की तुलना किससे की है? उत्तर: कवि ने अपनी प्रेयसी के सौंदर्य की तुलना 'चाँदनी रातों की उज्ज्वल गाथा' से की है।
4. प्रश्न: 'कथा गुदड़ी' शब्द से कवि का क्या तात्पर्य है? उत्तर: 'कथा गुदड़ी' से कवि का तात्पर्य अपने जीवन के दुख भरे, टूटे-फूटे और सामान्य अनुभवों से है, जिन्हें वे बताना नहीं चाहते।
5. प्रश्न: स्मृति को 'पाथेय' बनाने से कवि का क्या आशय है? उत्तर: स्मृति को 'पाथेय' बनाने से कवि का आशय है कि वह अपनी मधुर यादों के सहारे ही जीवन बिताना चाहता है, क्योंकि वे ही अब उसके जीवन का एकमात्र सहारा हैं।
6. प्रश्न: कवि के आलिंगन में आते-आते क्या मुस्कराकर भाग गया? उत्तर: कवि के आलिंगन में आते-आते जीवन का वह सुख मुस्कराकर भाग गया जिसकी वह कामना करते थे।
7. प्रश्न: कविता में 'मधुप' किसे कहा गया है? उत्तर: कविता में 'मधुप' कवि के अपने मन रूपी भँवरे को कहा गया है, जो गुनगुनाकर अपनी कहानी कह रहा है।
8. प्रश्न: कवि के अनुसार किसकी स्मृति 'थके पथिक की पंथा की' है? उत्तर: कवि के अनुसार, उसकी प्रेयसी की स्मृति ही 'थके पथिक की पंथा की' यानी थके हुए यात्री के रास्ते का सहारा है।
9. प्रश्न: कवि ने अपनी आत्मकथा को कैसी बताया है? उत्तर: कवि ने अपनी आत्मकथा को 'भोली' और अपनी उपलब्धियों को 'शून्य' बताया है।
10. प्रश्न: किसके अनुरोध पर कवि आत्मकथा लिखने को विवश हुए? उत्तर: कवि अपने मित्रों के अनुरोध पर आत्मकथा लिखने को विवश हुए थे।

खंड 'ख' - संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न (SA) (2/3 अंक)

11. प्रश्न: 'आत्म-कथ्य' कविता में कवि ने आत्मकथा न लिखने के क्या कारण बताए हैं? (CBSE PYQ) उत्तर: कवि ने आत्मकथा न लिखने के तीन मुख्य कारण बताए हैं: 1. वे अपने व्यक्तिगत दुख और अभावों को सार्वजनिक नहीं करना चाहते। 2. वे अपने जीवन के सरल अनुभवों को सुनाकर उपहास का पात्र नहीं बनना चाहते। 3. वे अपनी निजी स्मृतियों (प्रेयसी की यादों) को अपना निजी धन मानते हैं।
12. प्रश्न: 'मेरे मौन' और 'व्यथा' में क्या संबंध है? उत्तर: कवि की व्यथा (दुःख) इतनी निजी और गहरी है कि वह उसे मौन रहकर ही सहन करना चाहता है। कवि मानता है कि आत्मकथा लिखकर अपनी व्यथा को व्यक्त करने से वह और भी अधिक उपहास का विषय बन जाएगी, इसलिए वह चुप रहना ही बेहतर समझता है।
13. प्रश्न: 'उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की' - पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। उत्तर: इस पंक्ति का आशय कवि के जीवन के उन निजी और सुखद पलों से है जो उसने अपनी प्रेयसी के साथ बिताए थे। वे क्षण चाँदनी रातों के समान मधुर और उज्ज्वल थे, लेकिन कवि उन्हें अपनी व्यक्तिगत पूँजी मानकर किसी के सामने प्रकट नहीं करना चाहता।
14. प्रश्न: कवि को ऐसा क्यों लगता है कि उसकी आत्मकथा पढ़ने में किसी की रुचि नहीं होगी? उत्तर: कवि को ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि वह अपने जीवन को सामान्य और अभावों से भरा हुआ मानता है। उसके अनुसार, उसके जीवन में कोई महान उपलब्धि या प्रेरक प्रसंग नहीं है, जिसे पढ़कर लोगों को कोई सुख या प्रेरणा मिलेगी, बल्कि वे उसकी दुर्बलताओं को जानकर उसका उपहास ही करेंगे।
15. प्रश्न: 'तुम सुनकर सुख पाओगे, देखोगे - यह गागर रीती।' - पंक्ति का भावार्थ लिखिए। उत्तर: इस पंक्ति का भाव है कि कवि अपने मित्रों से कहता है कि तुम्हें मेरी आत्मकथा सुनकर शायद आनंद मिलेगा, लेकिन अंत में तुम यही पाओगे कि मेरा जीवन उपलब्धियों से खाली एक घड़े के समान है। इसमें ऐसा कुछ भी विशेष नहीं है जिससे तुम्हें प्रेरणा मिले।
16. प्रश्न: कवि अपनी आत्मकथा को 'एक भोली' क्यों कहता है? उत्तर: कवि अपनी आत्मकथा को 'भोली' इसलिए कहता है क्योंकि उसका स्वभाव सरल और सीधा है। उसने जीवन में कभी छल-कपट का सहारा नहीं लिया और अपनी सरलता के कारण ही उसे जीवन में धोखे मिले। वह अपनी इसी सरलता को अपनी आत्मकथा का हिस्सा मानता है।
Related Posts
17. प्रश्न: 'छोटे से जीवन की कैसे बड़ी कथाएँ आज कहूँ?' - कवि का यह कहने का क्या तात्पर्य है? उत्तर: इस कथन से कवि का तात्पर्य है कि उसका जीवन बहुत सामान्य और सीधा-सादा रहा है। उसमें ऐसी कोई महान घटनाएँ या उपलब्धियाँ नहीं हैं, जिन्हें बढ़ा-चढ़ाकर एक बड़ी कहानी के रूप में प्रस्तुत किया जा सके। वह अपनी विनम्रता और यथार्थ को स्वीकार करता है।
18. प्रश्न: 'जिसके अरुण-कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।' - इस पंक्ति का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए। उत्तर: इस पंक्ति में कवि अपनी प्रेयसी के सौंदर्य का वर्णन कर रहा है। 'अरुण-कपोलों' का अर्थ है लाल गाल। कवि कहता है कि उसकी प्रेयसी के गालों की लालिमा इतनी सुंदर और मनमोहक थी कि सुबह की उषा भी अपनी लाली उसी से उधार लेती थी। यहाँ कवि ने प्रेम और सौंदर्य का अद्भुत चित्रण किया है।
19. प्रश्न: 'आत्म-कथ्य' कविता में कवि ने अपनी प्रेयसी की यादों को किस प्रकार व्यक्त किया है? उत्तर: कवि ने अपनी प्रेयसी की यादों को अपने जीवन का सबसे मूल्यवान और निजी धन माना है। वे इसे 'उज्ज्वल गाथा' कहते हैं और इसे दूसरों को बताना नहीं चाहते, क्योंकि यह उनकी निजी पूँजी है।
20. प्रश्न: कवि क्यों कहता है कि 'औरौं की सुनता मैं मौन रहा'? उत्तर: कवि यह इसलिए कहता है क्योंकि उसने हमेशा दूसरों की कहानियाँ और उनके जीवन के बारे में सुना है, लेकिन जब अपनी कहानी कहने की बारी आई तो वह चुप रहा। इसका कारण यह है कि वह अपनी कमजोरियों और दुखों को जग-जाहिर कर उपहास का पात्र नहीं बनना चाहता था।

खंड 'ग' - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (LA) (4/5 अंक)

21. प्रश्न: 'आत्म-कथ्य' कविता के आधार पर जयशंकर प्रसाद के व्यक्तित्व की विशेषताएँ लिखिए। (CBSE PYQ) उत्तर: जयशंकर प्रसाद के व्यक्तित्व की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं: 1. विनम्रता और सरलता: कवि अपने जीवन को सरल, भोला और अभावग्रस्त मानते हैं, तथा अपनी बड़ाई नहीं करते। 2. निजता के प्रति सजग: वे अपने व्यक्तिगत दुःख और प्रेम भरे पलों को सार्वजनिक नहीं करना चाहते, क्योंकि वे उनकी निजी थाती हैं। 3. यथार्थवादी दृष्टिकोण: वे जीवन के अभावों और दुर्बलताओं को स्वीकार करते हैं, और उन्हें छिपाने की कोशिश नहीं करते। 4. संवेदनशील: वे अपने और दूसरों के दुखों के प्रति गहरे संवेदनशील हैं।
22. प्रश्न: 'आत्म-कथ्य' में कवि की दुर्बलताएँ कौन-कौन सी हैं? उन्हें उजागर करने से कवि क्यों बचता है? उत्तर: कवि की दुर्बलताएँ हैं: 1. जीवन में अभाव और सुख की कमी मिली। 2. उन्हें अपने मित्रों और जीवनसाथी से भी धोखा मिला। कवि इन्हें उजागर करने से इसलिए बचता है क्योंकि वह नहीं चाहता कि उसके मित्र या पाठक उसके दुखों पर हँसे या दया करें। वह मानता है कि उसकी दुर्बलताएँ केवल उसी की हैं और उन्हें मौन ही रहने देना चाहिए।
23. प्रश्न: 'आत्म-कथ्य' कविता के आधार पर कवि जयशंकर प्रसाद को एक 'संकोची स्वभाव' का व्यक्ति क्यों कहा जा सकता है? उत्तर: कवि जयशंकर प्रसाद को 'संकोची स्वभाव' का व्यक्ति कहा जा सकता है क्योंकि: 1. वे अपने दुखों को निजी मानते हैं और उन्हें सार्वजनिक करने से हिचकिचाते हैं। 2. उन्हें लगता है कि उनकी गाथा सुनकर लोग हँसेंगे, जो आत्म-सम्मान की भावना के साथ संकोच को दर्शाता है। 3. वे अपनी प्रेम गाथा को निजी और 'उज्ज्वल' मानकर उसे केवल अपने मन में ही सुरक्षित रखना चाहते हैं।
24. प्रश्न: 'आत्म-कथ्य' कविता का मूल भाव या संदेश क्या है? अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर: इस कविता का मूल भाव यह है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कुछ निजी सुख-दुख और कमजोरियाँ होती हैं, जिन्हें वह दुनिया के सामने लाना आवश्यक नहीं समझता। कवि अपनी निजता का सम्मान करते हुए यह संदेश देना चाहता है कि आत्मकथा लेखन तभी सार्थक है जब उसमें समाज के लिए कोई विशेष प्रेरणा या संदेश हो। अपने सामान्य जीवन के दुखों का प्रदर्शन कर उपहास का पात्र बनने से बेहतर है कि व्यक्ति अपनी यादों को संजोकर रखे।
25. प्रश्न: 'मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया।' - इस पंक्ति का विस्तृत भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए। उत्तर: इस पंक्ति का भाव-सौंदर्य अत्यंत गहरा है। कवि कहना चाहता है कि उसने जीवन में जिन सुखों की कल्पना की थी, वे कभी भी उसे प्राप्त नहीं हुए। सुख एक सपने की तरह था, जो आँख खुलते ही गायब हो गया। यह पंक्ति जीवन की नश्वरता और इच्छाओं एवं प्राप्ति के बीच के अंतर को दर्शाती है। कवि के जीवन में सुख की अनुभूति क्षणिक थी, जो आने से पहले ही समाप्त हो गई।
26. प्रश्न: 'आत्म-कथ्य' कविता के शीर्षक की सार्थकता सिद्ध कीजिए। (CBSE PYQ) उत्तर: 'आत्म-कथ्य' शीर्षक पूर्णतः सार्थक है। 'आत्मकथा' का अर्थ होता है पूरे जीवन का विस्तृत विवरण, जबकि 'आत्म-कथ्य' का अर्थ है अपने बारे में कुछ कहना। कवि ने इस कविता में अपनी पूरी कहानी नहीं बताई है, बल्कि केवल यह बताया है कि वह आत्मकथा क्यों नहीं लिखना चाहता। उसने अपने मन के भावों, अपनी वेदना और संकोच को व्यक्त किया है। इसलिए, यह एक 'कथ्य' है, 'कथा' नहीं।
27. प्रश्न: कवि अपनी दुर्बलताओं को दुनिया के सामने क्यों नहीं लाना चाहता? क्या आप उसके इस दृष्टिकोण से सहमत हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए। उत्तर: कवि अपनी दुर्बलताओं को दुनिया के सामने इसलिए नहीं लाना चाहता क्योंकि उसे डर है कि लोग उसकी कमजोरियों का मजाक उड़ाएंगे और उसके दुखों पर सहानुभूति दिखाने की बजाय उसका उपहास करेंगे। वह अपनी निजता को महत्व देता है। हाँ, मैं कवि के इस दृष्टिकोण से सहमत हूँ। हर व्यक्ति को अपनी निजी भावनाओं को गोपनीय रखने का अधिकार है। यदि कोई व्यक्ति अपने दुखों को सार्वजनिक नहीं करना चाहता, तो यह उसका व्यक्तिगत निर्णय है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए।
28. प्रश्न: कविता में व्यक्त कवि की निराशा और वेदना को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए। उत्तर: कविता में कवि की गहरी निराशा और वेदना व्यक्त हुई है। वह अपने जीवन को सफल नहीं मानता और उसे 'रीती गागर' कहता है। उसे लगता है कि जीवन में उसे केवल धोखा और अभाव ही मिला है। जिस सुख का उसने सपना देखा, वह कभी पूरा नहीं हुआ। वह अपनी प्रेयसी को भी खो चुका है और अब केवल उसकी यादें ही उसके जीवन का सहारा हैं। यह सब मिलकर उसके मन में एक गहरी उदासी और वेदना भर देता है।
29. प्रश्न: जयशंकर प्रसाद छायावादी कवि हैं। 'आत्म-कथ्य' कविता में छायावाद की कौन-सी विशेषताएँ झलकती हैं? उत्तर: 'आत्म-कथ्य' कविता में छायावाद की निम्नलिखित विशेषताएँ झलकती हैं: 1. वैयक्तिकता: कवि ने अपने व्यक्तिगत सुख-दुख और अनुभूतियों को केंद्र में रखा है। 2. प्रकृति का मानवीकरण: कवि ने 'उषा' का मानवीकरण किया है। 3. वेदना और निराशा का स्वर: पूरी कविता में एक उदासी और निराशा का भाव है, जो छायावाद की प्रमुख प्रवृत्ति है। 4. प्रतीकात्मक भाषा: 'रीती गागर', 'मधुप', 'गुदड़ी' जैसे प्रतीकों का प्रयोग किया गया है।
30. प्रश्न: आत्मकथा लिखने के लिए किन गुणों की आवश्यकता होती है? कवि में उन गुणों का अभाव क्यों था? उत्तर: आत्मकथा लिखने के लिए साहस, सत्य को स्वीकार करने की क्षमता और अपने जीवन की घटनाओं को निष्पक्ष रूप से प्रस्तुत करने जैसे गुणों की आवश्यकता होती है। कवि के अनुसार, उसमें इन गुणों का अभाव था। वह साहसपूर्वक अपने दुखों और कमजोरियों का सामना करने से कतराता है क्योंकि उसे उपहास का भय है। वह अपने जीवन को इतना महान नहीं समझता कि उसे दूसरों के सामने प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत कर सके। इसी संकोच और विनम्रता के कारण वह स्वयं को आत्मकथा लिखने के अयोग्य मानता है।

About the author

Post a Comment