Telegram Study channel Click here


Technical Telegram channel Click here

जादुई जंगल का रहस्य

Read 'जादुई जंगल का रहस्य,' a thrilling Hindi story for children about courage, kindness, and magical adventures. Join Arjun as he uncovers the secret

एक समय की बात है, एक छोटा-सा गांव था, जिसका नाम था "चिरायुपुर"। गांव के पास ही एक बड़ा और घना जंगल था, जिसे लोग "जादुई जंगल" कहते थे। गांव के बच्चे अक्सर जंगल के बारे में कहानियाँ सुनते, लेकिन कोई भी जंगल के अंदर जाने की हिम्मत नहीं करता था। कहा जाता था कि वहाँ जादुई प्राणियों का वास है, जो केवल सच्चे दिल वालों की मदद करते हैं।

एक दिन, गांव में एक 12 साल का लड़का था जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन बेहद साहसी और जिज्ञासु था। उसने ठान लिया कि वो जादुई जंगल के रहस्य को जानकर रहेगा। एक दिन, जब उसके माता-पिता खेत में काम करने गए, अर्जुन अपने कुत्ते, टॉमी के साथ जंगल की ओर निकल पड़ा।

जंगल के अंदर घुसते ही अर्जुन ने महसूस किया कि वहाँ का माहौल बिल्कुल अलग था। पेड़ ऊँचे और चमकीले लग रहे थे, जैसे उनमें जीवन की कोई अदृश्य ताकत हो। अचानक, अर्जुन को एक प्यारी सी आवाज सुनाई दी। उसने चारों ओर देखा, लेकिन उसे कोई नजर नहीं आया। तभी एक चमकती हुई तितली उसके सामने आई और बोली, "तुम कौन हो, और यहाँ क्यों आए हो?"

अर्जुन हैरान था। उसने कभी नहीं सोचा था कि तितलियाँ बोल सकती हैं। उसने कहा, "मैं अर्जुन हूँ, और मैं जादुई जंगल का रहस्य जानने आया हूँ।"

तितली मुस्कराई और बोली, "अगर तुम इस जंगल का रहस्य जानना चाहते हो, तो तुम्हें एक कठिन परीक्षा देनी होगी।"

अर्जुन ने बिना हिचकिचाए कहा, "मैं तैयार हूँ!"

तितली ने उसे जंगल के अंदर एक जादुई कुआँ दिखाया और कहा, "इस कुएं से तीन मोती निकालने होंगे, लेकिन हर मोती के साथ तुम्हें एक समस्या का हल निकालना होगा।"

अर्जुन ने हिम्मत दिखाते हुए कुएं के पास कदम रखा। जैसे ही उसने पहला मोती उठाया, अचानक जंगल में एक बड़ा सांप उसके सामने आ गया। लेकिन अर्जुन ने घबराने की बजाय अपनी बुद्धि का उपयोग किया। उसने सांप से पूछा, "तुम्हें क्या चाहिए?"

सांप ने कहा, "मुझे मेरे खोए हुए बच्चों की तलाश है।"

अर्जुन ने सांप की मदद करने का वादा किया और तितली की मदद से सांप के बच्चों को ढूंढ निकाला। सांप खुश होकर चला गया, और अर्जुन ने पहला मोती सुरक्षित रख लिया।

दूसरा मोती उठाते ही, आसमान में काले बादल छा गए और तेज बारिश शुरू हो गई। अर्जुन ने पास के एक बड़े पेड़ की शाखाओं को एक छत्र की तरह इस्तेमाल कर खुद को और टॉमी को बारिश से बचाया। बारिश बंद होते ही, उसने दूसरा मोती भी पा लिया।

अंतिम मोती के समय, अर्जुन के सामने एक विशालकाय भालू आ गया। लेकिन भालू ने अर्जुन को डराने की बजाय, उससे मदद मांगी। भालू की आंख में कांटा फंस गया था, और वह दर्द से कराह रहा था। अर्जुन ने सावधानी से भालू की आंख से कांटा निकाला। भालू ने खुशी से दहाड़ लगाई और उसे तीसरा मोती मिल गया।

तितली ने खुश होकर अर्जुन से कहा, "तुमने अपनी बुद्धि, साहस और करुणा से सभी परीक्षाओं को पार कर लिया। अब तुम्हें इस जादुई जंगल का सबसे बड़ा रहस्य जानने का अधिकार है।"

अर्जुन ने पूछा, "क्या है यह रहस्य?"

तितली ने कहा, "इस जंगल का रहस्य यह है कि यहाँ की हर चीज़ सिर्फ दिल की सच्चाई और अच्छाई को पहचानती है। जो भी ईमानदार और दूसरों की मदद करने वाला हो, वही इस जादू का अनुभव कर सकता है।"

अर्जुन मुस्कुराया और वापस गांव की ओर लौट गया, लेकिन अब वो जानता था कि असली जादू हमारे दिल में होता है। 

उसके बाद, अर्जुन ने गांव के सभी बच्चों को यह कहानी सुनाई और उन्हें सिखाया कि साहस, बुद्धि और करुणा ही असली जादू हैं।

**समाप्त।**

About the Author

Post a Comment

Please comment if you have any doubt related to any content on this page or on this website
Cookie Consent
We serve cookies on this site to analyze traffic, remember your preferences, and optimize your experience.
Oops!
It seems there is something wrong with your internet connection. Please connect to the internet and start browsing again.
AdBlock Detected!
We have detected that you are using adblocking plugin in your browser.
The revenue we earn by the advertisements is used to manage this website, we request you to whitelist our website in your adblocking plugin.
Site is Blocked
Sorry! This site is not available in your country.